धनतेरस 2025: दिवाली से पहले धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का पर्व, जानें महत्व और परंपराएं

धनतेरस 2025: दिवाली से पहले धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का पर्व, जानें महत्व और परंपराएं
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धनतेरस 2025: दिवाली की शुरुआत का पहला पर्व

हिंदू धर्म में धनतेरस को दिवाली उत्सव की शुरुआत माना जाता है। इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है, क्योंकि यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर और आयुर्वेदाचार्य भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि, आरोग्य और धन की वृद्धि होती है।

धनतेरस का धार्मिक महत्व

धनतेरस केवल धन-संपदा की पूजा का पर्व नहीं है, बल्कि इसमें स्वास्थ्य और आयु से जुड़ी मान्यताएं भी शामिल हैं। भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे और उन्हें आयुर्वेद का जनक माना जाता है। इस कारण इस दिन स्वास्थ्य की भी विशेष कामना की जाती है। साथ ही, देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करके घर में अन्न-धन और वैभव की वृद्धि की प्रार्थना की जाती है।

पूजन विधि और परंपराएं

धनतेरस की शाम को घरों में दीप जलाए जाते हैं और देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर व भगवान धन्वंतरि की आराधना की जाती है। विशेष रूप से घर के मुख्य द्वार पर यमराज के लिए दीपदान करने की परंपरा है, जिसे यम दीपदान कहा जाता है। यह दीप मृत्यु भय को दूर करने वाला माना जाता है। इस दिन नए बर्तन, सोना, चांदी या मूल्यवान वस्तुएं खरीदना अत्यंत शुभ समझा जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है।

धनतेरस पर खरीदारी का महत्व

धनतेरस पर सोना-चांदी, आभूषण और बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। यह परंपरा केवल दिखावा नहीं, बल्कि मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तुएं घर में सुख और सौभाग्य लेकर आती हैं। बाजारों में इस दिन खास रौनक देखने को मिलती है। लोग नए-नए सामान लेकर घर आते हैं और लक्ष्मी पूजन के समय उन्हें देवी के चरणों में अर्पित करते हैं।

समाज और संस्कृति में धनतेरस

धनतेरस केवल धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है। यह दिन परिवार और समाज को एकजुट करने का अवसर देता है। बाजारों में चहल-पहल, घरों में दीप सज्जा और पूजा के साथ यह पर्व पूरे वातावरण को दिवाली के उत्सव में रंग देता है।

इस प्रकार, धनतेरस 2025 न केवल धन और समृद्धि की कामना का पर्व है, बल्कि यह स्वास्थ्य, दीर्घायु और सुख-समृद्ध जीवन का प्रतीक भी है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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