इस साल 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी दीपावली, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और लक्ष्मी पूजा का महत्व

इस साल 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी दीपावली, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और लक्ष्मी पूजा का महत्व
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कब है दीपावली 2025? जानिए सही तिथि और समय

पंचांग गणना के अनुसार, इस वर्ष दीपावली का पर्व सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। हर साल की तरह इस बार भी तिथि को लेकर लोगों के बीच थोड़ा भ्रम बना हुआ है कि दिवाली 20 अक्टूबर को होगी या 21 अक्टूबर को। लेकिन वैदिक पंचांग के अनुसार कार्तिक अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर 21 अक्टूबर शाम 5 बजकर 54 मिनट तक रहेगी।

चूंकि लक्ष्मी पूजा का विधान अमावस्या तिथि की उदया बेला और संध्या काल में किया जाता है, इसलिए इस बार दीपावली 20 अक्टूबर सोमवार को ही मनाई जाएगी।

दीपावली का धार्मिक महत्व और परंपरा

दीपावली केवल रोशनी और उत्सव का पर्व नहीं, बल्कि यह धर्म, अध्यात्म और समृद्धि का प्रतीक भी है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनके आगमन पर समस्त नगरवासी आनंद में झूम उठे और उन्होंने पूरे नगर को दीपों से सजाया। तभी से यह पर्व “दीपावली” कहलाया।

एक अन्य मान्यता के अनुसार, इस दिन माता लक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुईं, इसलिए यह दिन धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की उपासना के लिए सर्वोत्तम माना गया है।

लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

दीपावली की संध्या को प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन करना सबसे शुभ माना गया है। इस समय देवी लक्ष्मी अपने भक्तों के घर में प्रवेश करती हैं।

इस दिन घर को साफ-सुथरा कर दीपों और रंगोलियों से सजाया जाता है। पूजन स्थल पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की प्रतिमा स्थापित की जाती है।

फूल, मिठाई, चावल, सिक्के और दीपक के साथ विधिपूर्वक पूजा की जाती है। पूजा के बाद लक्ष्मी जी की आरती की जाती है और घर के हर कोने में दीप जलाया जाता है ताकि अंधकार दूर होकर सुख-समृद्धि का आगमन हो।

पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत और क्रम

दीपावली का त्योहार केवल एक दिन का नहीं, बल्कि यह पांच दिनों तक चलने वाला भव्य उत्सव है। इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और समापन भाई दूज पर होता है।

1. धनतेरस (18 अक्टूबर 2025) – स्वास्थ्य और समृद्धि के देवता धनवंतरि की पूजा।

2. नरक चतुर्दशी (19 अक्टूबर 2025) – असत्य और अंधकार पर विजय का प्रतीक दिन।

3. दीपावली (20 अक्टूबर 2025) – लक्ष्मी पूजा और दीपोत्सव का मुख्य दिन।

4. गोवर्धन पूजा (21 अक्टूबर 2025) – भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की स्मृति में।

5. भाई दूज (22 अक्टूबर 2025) – भाई-बहन के स्नेह का पर्व।

दीपावली का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

दीपावली का त्योहार केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, सद्भाव और नई शुरुआत का प्रतीक भी है। यह पर्व हर वर्ग, हर समाज के लोगों को जोड़ता है। इस दिन लोग पुराने मतभेद भूलकर एक-दूसरे के घर जाते हैं, उपहार देते हैं और प्रेमपूर्वक दीप जलाते हैं।

व्यापारिक दृष्टि से भी यह समय अत्यंत शुभ माना जाता है। व्यापारी वर्ग इस दिन नई बहीखाता (चोपड़ा पूजन) करता है और माता लक्ष्मी से आने वाले वर्ष के लिए शुभ लाभ की प्रार्थना करता है।

दीपावली केवल दीप जलाने या मिठाइयों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह सकारात्मकता, आत्मशुद्धि और समृद्धि का पर्व है। इस साल 20 अक्टूबर 2025 को श्रद्धा और भक्ति के साथ दीप जलाएं, माता लक्ष्मी की आराधना करें और अपने घर में सुख-समृद्धि का प्रकाश फैलाएं।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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