दिवाली 2025: इस साल 20 अक्टूबर को बन रहा है दुर्लभ त्रिग्रही योग, जानें कैसे बढ़ेगी रोशनी और समृद्धि का प्रभाव

दिवाली 2025: इस साल 20 अक्टूबर को बन रहा है दुर्लभ त्रिग्रही योग, जानें कैसे बढ़ेगी रोशनी और समृद्धि का प्रभाव
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इस साल बनेगा त्रिग्रही योग, खुशियों और समृद्धि की बरसात का संकेत

हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली 2025 का पर्व 20 अक्टूबर, सोमवार के दिन मनाया जाएगा। इस बार की दीपावली कई दृष्टियों से अत्यंत शुभ और दुर्लभ मानी जा रही है क्योंकि इस दिन त्रिग्रही योग का अद्भुत संयोग बनने जा रहा है। यह ग्रह योग वर्षों बाद घटित हो रहा है, जो धन, वैभव और सफलता के नए अवसर लेकर आएगा। इस विशेष योग में देवी लक्ष्मी की आराधना करने से अपार लाभ की प्राप्ति होगी और घर-परिवार में अखंड समृद्धि का वास होगा।

त्रिग्रही योग क्या है और इसका महत्व

त्रिग्रही योग वह स्थिति है जब तीन प्रमुख ग्रह एक ही राशि में एक साथ विराजमान होते हैं। यह योग बहुत ही दुर्लभ और शक्तिशाली माना जाता है। इस वर्ष दिवाली के दिन सूर्य, बुध और चंद्रमा एक ही राशि में रहेंगे, जिससे यह त्रिग्रही योग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह संयोग अमावस्या तिथि और दीपोत्सव के साथ मिलकर अत्यंत शुभ फलदायी होगा। इस योग में की गई लक्ष्मी-गणेश पूजा, दीपदान और जप-तप का फल कई गुना बढ़ जाता है।

दुर्लभ ग्रह स्थिति से बढ़ेगी लक्ष्मी कृपा

दिवाली के अवसर पर त्रिग्रही योग बनना स्वयं में धनवृद्धि और सफलता का सूचक है। इस दिन सूर्य ऊर्जा का, बुध बुद्धिमत्ता का और चंद्रमा भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। जब ये तीनों ग्रह एक ही राशि में होते हैं, तब यह योग आर्थिक स्थिरता, व्यवसायिक प्रगति और मानसिक संतुलन प्रदान करता है। धार्मिक मान्यता है कि इस संयोग में लक्ष्मी पूजन करने से व्यक्ति को दीर्घकालीन समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से व्यापारी वर्ग और निवेश करने वाले लोगों के लिए यह योग अत्यंत शुभ संकेत लेकर आएगा।

कार्तिक अमावस्या का दीपोत्सव और धार्मिक अनुष्ठान

दिवाली के दिन कार्तिक अमावस्या पड़ती है, जो देवी लक्ष्मी के पृथ्वी लोक में आगमन का प्रतीक है। इस दिन घरों में दीपक जलाकर अंधकार को दूर किया जाता है और मां लक्ष्मी, भगवान गणेश तथा कुबेर देव की पूजा की जाती है। त्रिग्रही योग में पूजा करने से इस वर्ष की दिवाली और भी विशेष बन जाएगी। माना जाता है कि इस दिन जलाए गए दीप न केवल घर को प्रकाशित करते हैं बल्कि नकारात्मक ऊर्जा को भी समाप्त करते हैं और वातावरण में सकारात्मकता फैलाते हैं।

शुभ मुहूर्त और पूजन का सही समय

पंचांग के अनुसार 20 अक्टूबर 2025 की शाम को अमावस्या तिथि रहेगी और यही समय लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा। ज्योतिष के अनुसार त्रिग्रही योग का प्रभाव पूरे दिन और रात्रि तक रहेगा, जिससे पूजा का हर क्षण फलदायी और शुभ माना जाएगा। लोग इस दिन अपने घरों, दुकानों और कार्यालयों में लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाओं की स्थापना कर दीप जलाएंगे और कुबेर मंत्रों का जाप करेंगे।

आर्थिक रूप से मजबूत होने का शुभ अवसर

2025 की दिवाली केवल उत्सव का नहीं बल्कि आर्थिक समृद्धि का पर्व भी साबित हो सकती है। त्रिग्रही योग के प्रभाव से धन-संबंधी अटके कार्य पूरे होंगे, निवेश में लाभ होगा और नए व्यापारिक अवसर मिलेंगे। ज्योतिषीय दृष्टि से यह योग भाग्य की वृद्धि और कर्मों की पूर्ति का भी प्रतीक है। जो लोग इस दिन सच्चे मन से मां लक्ष्मी की पूजा करेंगे, उनके जीवन में स्थायी उन्नति और ऐश्वर्य का आगमन होगा।

दिवाली 2025 का पर्व इस बार अद्भुत ज्योतिषीय घटनाओं का साक्षी बनेगा। 20 अक्टूबर को बनने वाला त्रिग्रही योग न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आर्थिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत शुभ है। इस दिन की गई पूजा और दीपदान से जीवन में प्रकाश, समृद्धि और सुख का आगमन होगा। देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की कृपा से हर घर में खुशहाली और सौभाग्य का दीप जल उठेगा।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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