गुरु का कर्क राशि में गोचर 2025: किन राशियों के लिए रहेगा चुनौतीपूर्ण, जानें उपाय

गुरु का कर्क राशि में गोचर 2025: किन राशियों के लिए रहेगा चुनौतीपूर्ण, जानें उपाय
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गुरु ग्रह का विशेष महत्व

वैदिक ज्योतिष में गुरु ग्रह (बृहस्पति) को ज्ञान, धर्म, संतान, शिक्षा, समृद्धि और विवेक का कारक माना जाता है। यह ग्रह जब अपनी स्थिति या गति बदलता है तो सभी राशियों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। सामान्य परिस्थितियों में गुरु एक साल में केवल एक बार राशि परिवर्तन करते हैं, लेकिन जब उनकी चाल असामान्य रूप से तेज हो जाती है तो इसे अतिचारी गति कहा जाता है। यह स्थिति जीवन में अचानक उतार-चढ़ाव और अप्रत्याशित परिस्थितियां पैदा कर सकती है।

गुरु का अक्टूबर 2025 में गोचर

इस वर्ष गुरु ने 14 मई 2025 को मिथुन राशि में प्रवेश किया था। परंतु तेज गति (अतिचारी चाल) के कारण वे केवल कुछ महीनों में ही एक और परिवर्तन करने जा रहे हैं। पंचांग के अनुसार 18 अक्टूबर 2025 को गुरु कर्क राशि में गोचर करेंगे। यह गोचर अधिक समय तक स्थायी नहीं रहेगा, क्योंकि 5 दिसंबर 2025 को वे पुनः मिथुन राशि में लौट आएंगे। ऐसे दुर्लभ संयोग में राशियों पर विशेष प्रभाव पड़ता है और कई बार जीवन में अप्रत्याशित बदलाव सामने आते हैं।

किन राशियों के लिए रहेगा चुनौतीपूर्ण यह गोचर

गुरु का कर्क राशि में प्रवेश हर किसी के लिए समान परिणाम नहीं देता। कुछ राशियों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण और परिक्षा लेने वाला साबित हो सकता है। इन जातकों को आर्थिक, वैवाहिक, पारिवारिक और पेशेवर जीवन में सतर्क रहने की आवश्यकता होगी।

1. मेष राशि – गुरु का गोचर आपके लिए करियर में रुकावट और अनचाहे खर्च बढ़ा सकता है। इस समय धैर्य और संयम जरूरी होगा।

2. कर्क राशि – स्वयं राशि में गुरु का आना मानसिक अस्थिरता और निर्णय लेने में उलझन पैदा कर सकता है। स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी।

3. तुला राशि – इस अवधि में वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ सकता है। दांपत्य जीवन में सामंजस्य बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करें।

4. मकर राशि – गुरु का गोचर आपके कार्यक्षेत्र में दबाव और पारिवारिक जिम्मेदारियों में वृद्धि ला सकता है। जल्दबाजी में निर्णय न लें।


नकारात्मक प्रभाव कम करने के उपाय

* गुरु के अशुभ प्रभाव को कम करने और सकारात्मक परिणाम पाने के लिए कुछ सरल ज्योतिषीय उपाय बताए गए हैं –

* गुरुवार को व्रत रखें और पीले वस्त्र धारण करें।

* भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा करें तथा पीले फूल और चना दाल अर्पित करें।

* पीले रंग की वस्तुएं जैसे हल्दी, केसर या पीली मिठाई जरूरतमंदों को दान करें।

* घर में गुरु की शांति के लिए बृहस्पति स्तोत्र या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

* शिक्षा और करियर में प्रगति हेतु पीली पुखराज रत्न धारण करने की भी सलाह दी जाती है (ज्योतिषाचार्य से परामर्श के बाद)।

18 अक्टूबर 2025 को गुरु का कर्क राशि में गोचर कुछ राशियों के लिए चुनौती लेकर आएगा, विशेषकर मेष, कर्क, तुला और मकर राशि वालों के लिए। इस दौरान संयम और धैर्य बनाए रखना ही सबसे बड़ा उपाय है। साथ ही, धार्मिक आस्था और दान-पुण्य करने से ग्रह की स्थिति शुभ परिणाम भी दे सकती है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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