हनुमान जी की आराधना के लिए मंगलवार और शनिवार क्यों माने जाते हैं श्रेष्ठ? जानिए धार्मिक रहस्य और ज्योतिषीय कारण

हनुमान जी की आराधना के लिए मंगलवार और शनिवार क्यों माने जाते हैं श्रेष्ठ? जानिए धार्मिक रहस्य और ज्योतिषीय कारण
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हिंदू धर्म में हनुमान जी को पराक्रम, निष्ठा, बल, भक्ति और निर्भयता का मूर्तिमान स्वरूप माना गया है। वे श्रीराम के परम भक्त, संकटमोचक और कलियुग के जाग्रत देवता हैं, जो सच्चे मन से की गई प्रार्थना से शीघ्र प्रसन्न होते हैं। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति पूरी श्रद्धा और विश्वास से हनुमान जी की आराधना करता है, उसकी सभी प्रकार की बाधाएं—चाहे वे मानसिक हों, भौतिक हों या आध्यात्मिक—अपने आप दूर हो जाती हैं।

विशेष रूप से सप्ताह का मंगलवार और शनिवार, हनुमान जी की पूजा के लिए सबसे शुभ और प्रभावशाली माने जाते हैं। इन दोनों दिनों में की गई उपासना अत्यधिक फलदायी मानी जाती है, जिसका कारण केवल धार्मिक नहीं, बल्कि ज्योतिषीय भी है। दरअसल, ये दोनों दिन दो शक्तिशाली ग्रहों—मंगल और शनि—से जुड़े हुए हैं, जिनके प्रभाव से मनुष्य को जीवन में संघर्ष, क्रोध, कर्ज, रोग और मानसिक तनाव जैसे दोष झेलने पड़ते हैं।

मंगल और शनि दोष से मुक्ति का उपाय: हनुमान पूजा

मंगलवार को मंगल ग्रह की शांति के लिए और शनिवार को शनि ग्रह के प्रभाव को शांत करने के लिए हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी का जन्म मंगल ग्रह के प्रभाव से हुआ था, और उन्होंने शनि देव को रावण की कैद से मुक्त किया था। तभी से शनि देव ने वचन दिया कि जो भी भक्त हनुमान जी की आराधना करेगा, उसे वे पीड़ा नहीं देंगे। यही कारण है कि हनुमान जी की कृपा से मंगल और शनि दोनों ग्रहों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है।

इन दिनों हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बजरंग बाण का पाठ विशेष फलदायी माना जाता है। ये पाठ न केवल मानसिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि आत्मविश्वास, साहस और नकारात्मकता से लड़ने की शक्ति भी देते हैं।

हनुमान जी की पूजा से क्या-क्या लाभ मिलते हैं?

हनुमान जी की आराधना से व्यक्ति को भय, रोग, शत्रु, कर्ज, भूत-प्रेत बाधा और मानसिक अवसाद जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही, उनके उपासक में सेवा, संयम, विनम्रता और दृढ़ संकल्प की भावना विकसित होती है। बिना किसी स्वार्थ के समर्पित भक्ति के माध्यम से भगवान को पाया जा सकता है, और हनुमान जी इस मार्ग के सर्वश्रेष्ठ पथप्रदर्शक हैं।

ऐसी भी मान्यता है कि हनुमान जी कलियुग के सबसे जाग्रत और कृपालु देवता हैं। वे अपने भक्तों के मन की बात तुरंत सुनते हैं और त्वरित रूप से उनके संकट हर लेते हैं। यही कारण है कि चाहे जीवन में कोई भी संकट क्यों न आ जाए, “जय बजरंग बली” का नाम लेने मात्र से व्यक्ति को अद्भुत आत्मबल और समाधान की राह प्राप्त हो जाती है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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