इंडिगो की 300 से ज्यादा उड़ानें रद, देशभर के एयरपोर्ट पर हंगामा और अव्यवस्था; स्टाफ की कमी से बढ़ी यात्रियों की परेशानी

देश की सबसे बड़ी लो-कॉस्ट एयरलाइन इंडिगो में अव्यवस्था का संकट गुरुवार को एक बार फिर गहराता हुआ दिखा, जब कंपनी ने लगभग 300 से ज्यादा उड़ानों को अचानक रद्द कर दिया। इस बड़े फैसले का सीधा असर देशभर के प्रमुख हवाई अड्डों पर देखने को मिला, जहां सुबह से ही लंबी कतारें, भीड़ और अव्यवस्था का माहौल बना रहा। दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद एयरपोर्ट पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी और कई यात्रियों को घंटों इंतजार के बाद भी कोई समाधान नहीं मिल सका। एयरलाइन की ओर से समय पर वैकल्पिक उड़ान या ठोस व्यवस्था न किए जाने से लोगों में खासा गुस्सा देखा गया।
कंपनी के अंदर चल रही स्टाफ की कमी इस संकट की मुख्य वजह बताई जा रही है। कई केबिन क्रू और ग्राउंड स्टाफ के अचानक अनुपस्थित होने से इंडिगो को बड़ी संख्या में flights रद्द करनी पड़ीं। यात्रियों का कहना है कि एयरलाइन ने उन्हें न तो समय पर जानकारी दी और न ही उनके लिए किसी अन्य उड़ान की व्यवस्था की। इससे कई यात्रियों की आगे की यात्रा योजनाओं पर असर पड़ा, खासकर उन लोगों की जिन्हें जरूरी काम, मीटिंग्स या मेडिकल अपॉइंटमेंट्स के लिए तुरंत पहुंचना था।
गुरुवार का दिन हवाई यात्रियों के लिए पहले से ही मुश्किल भरा था, और आज एक बार फिर 300 से ज्यादा उड़ानें रद्द होने से स्थिति और गंभीर हो गई। हजारों यात्रियों को टिकट काउंटर और हेल्पडेस्क के बाहर भीड़ में खड़ा रहना पड़ा। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर एयरलाइन के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इतनी बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होने के बावजूद इंडिगो की ओर से कोई उचित सहायता या मुआवजा उपलब्ध नहीं कराया गया। एयरपोर्ट के अंदर लगातार बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए CISF को अतिरिक्त टीम तैनात करनी पड़ी।
दिल्ली एयरपोर्ट पर सुबह से ही चेक-इन काउंटरों पर लंबी कतारें देखी गईं। कई यात्री अपने छोटे बच्चों और सामान के साथ घंटों तक खड़े रहे, लेकिन उन्हें यह तक नहीं बताया गया कि उनकी फ्लाइट आगे बढ़ेगी या रद्द हो चुकी है। मुंबई और हैदराबाद हवाई अड्डों का भी कुछ ऐसा ही हाल रहा, जहां यात्रियों को घंटों इंतजार के बाद यह जानकारी मिली कि उनकी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। इस स्थिति ने न सिर्फ यात्रियों को परेशान किया बल्कि एयरपोर्ट संचालन को भी प्रभावित किया।
एविएशन सेक्टर के जानकारों का कहना है कि इंडिगो की लगातार बढ़ती उड़ान रद्दीकरण की समस्या कंपनी के आंतरिक प्रबंधन और स्टाफ प्लानिंग पर सवाल खड़े करती है। बार-बार स्टाफ की कमी का सामना करना पड़ना यह दर्शाता है कि एयरलाइन के संचालन में गंभीर खामियां मौजूद हैं। दूसरी ओर, यात्रियों को उम्मीद है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय इस मामले में दखल देगा, ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचा जा सके और यात्रियों को परेशानी न उठानी पड़े।
फिलहाल इंडिगो ने स्थिति से निपटने के लिए कुछ टीमों को सक्रिय किया है, लेकिन प्रभावित यात्रियों का कहना है कि एयरलाइन को पहले ही बेहतर तैयारी करनी चाहिए थी। यात्रा के चरम समय में इतनी बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होना न केवल असुविधाजनक है, बल्कि यात्रियों के लिए आर्थिक और मानसिक दोनों रूप से तनावपूर्ण है। एयरपोर्ट प्राधिकरण और मंत्रालय की बैठक के बाद आगे की व्यवस्था पर निर्णय होने की उम्मीद है।
