कैथी-टांडा कलां को जोड़ने वाले निर्माणाधीन पांटून पुल से टकराया इन्लैंड वॉटर वेसल, टला बड़ा हादसा

चौबेपुर क्षेत्र में गंगा नदी पर बन रहे पांटून पुल से इन्लैंड वॉटर वेसल की जोरदार टक्कर, पैंटून ब्रिज की संरचना को भारी नुकसान, मरम्मत में एक सप्ताह लगने का अनुमान

कैथी-टांडा कलां को जोड़ने वाले निर्माणाधीन पांटून पुल से टकराया इन्लैंड वॉटर वेसल, टला बड़ा हादसा
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Representational image of collision generated by AI 

चौबेपुर क्षेत्र में शनिवार को उस समय सनसनी फैल गई जब गंगा नदी पर कैथी और टांडा कलां को जोड़ने के लिए बन रहे पांटून पुल से एक इन्लैंड वॉटर वेसल यानि मालवाहक जहाज टकरा गया। गनीमत यह रही कि इस टक्कर से किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। यह क्रूज वाराणसी से लोहे का सामान लेकर गाजीपुर होते हुए झारखंड के साहेबगंज जा रहा था। प्रशासन के अनुसार प्राथमिक जांच में इसे नियंत्रण में आई गड़बड़ी और तेज धारा की संयुक्त वजह माना जा रहा है।

शनिवार शाम जैसे ही यह भारी भरकम क्रूज टांडा कला घाट के पास पहुंचा, अचानक उसका संतुलन बिगड़ गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि जहाज तेज गति में दिखाई दे रहा था और देखते ही देखते वह सीधे पांटून पुल के मध्य हिस्से से जा भिड़ा। टक्कर इतनी तेज थी कि बड़ी आवाज दूर गांवों तक सुनाई दी और लोग घरों से बाहर आ गए। पुल में लगे कई पीपे उखड़ गए और पीपे को बांधे रखने वाली मोटी लोहे की रस्सियां भी टूट गईं।

पुल का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा लगभग 90 प्रतिशत पूरा किया जा चुका था। यह पुल टांडा कला गांव को कैथी घाट से जोड़ने वाला था और रविवार से आवागमन शुरू होने की उम्मीद की जा रही थी। स्थानीय कर्मियों ने बताया कि एक नवंबर से कर्मचारी लगातार जोड़ाई का काम कर रहे थे और ग्रामीणों में इसे लेकर काफी उत्सुकता थी। हादसे ने सारी तैयारियों पर ब्रेक लगा दिया।

इन्लैंड वॉटर वेसल का अगला हिस्सा रस्सियों में फंसने के बाद पुल से पूरी ताकत से भिड़ गया। इसके बाद वेसल को तुरंत रोक दिया गया और चालक दल ने हालात संभालने की कोशिश की। सौभाग्य से जहाज में मौजूद सभी कर्मचारी सुरक्षित रहे। माल भी सुरक्षित बताया गया है। अधिकारी यह भी कह रहे हैं कि अगर टक्कर कुछ सेकंड बाद हुई होती तो स्थिति और खराब हो सकती थी, क्योंकि पुल का संतुलन पहले से ही नदी की धारा पर निर्भर था।

घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन, पीडब्ल्यूडी और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गईं। अधिकारियों ने क्षति का आकलन शुरू किया। प्रारंभिक अनुमान है कि पुल को ठीक करने में कम से कम एक सप्ताह लग सकता है। पुल के तीन हिस्से टूटकर एक दूसरे से अलग दिखाई दिए और कई जगहों पर संरचना बुरी तरह हिल चुकी थी। मरम्मत पूरी होने तक आवागमन शुरू नहीं किया जा सकेगा।

स्थानीय लोगों ने राहत जताई है कि इतनी बड़ी टक्कर के बावजूद किसी की जान नहीं गई। कई ग्रामीणों का कहना है कि गंगा का यह मार्ग तेजी से व्यस्त हो रहा है और सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया जाना चाहिए। प्रशासन ने भी जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि तकनीकी रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए किन बदलावों की जरूरत है।

अभी इस वेसल को घटनास्थल से सुरक्षित हटाया जा चुका है और तकनीकी टीम उसके इंजन और नियंत्रण प्रणाली की जांच में लगी है। मरम्मत होने के बाद ही इसे आगे साहेबगंज भेजा जाएगा। फिलहाल प्रशासन इलाके में निगरानी बढ़ा रहा है और सुरक्षा कर्मचारियों को अतिरिक्त निर्देश दिए गए हैं।


(खबर अपडेट की गई है)

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