जितिया व्रत 2025: 14 सितंबर को रखें उपवास, जानें शुभ तिथि, उदयातिथि और महत्व

जितिया व्रत की तिथि और समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में आश्विन मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि का आरंभ रविवार, 14 सितंबर को प्रातः 5:04 बजे होगा। यह तिथि अगले दिन सोमवार, 15 सितंबर की भोर 3:06 बजे तक मान्य रहेगी। शास्त्रों में जितिया व्रत का पालन उदयातिथि के आधार पर किया जाता है। ऐसे में इस वर्ष व्रत की उदयातिथि 14 सितंबर को प्राप्त हो रही है।
उदयातिथि का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, व्रत और पर्व का निर्धारण उदयातिथि से किया जाता है। यदि किसी तिथि का समापन सूर्योदय से पहले हो जाए, तो उसका फल मान्य नहीं होता। इस बार अष्टमी तिथि 15 सितंबर को सूर्योदय से पूर्व ही समाप्त हो रही है, इसलिए जितिया व्रत 14 सितंबर को ही रखा जाएगा। इसका स्पष्ट अर्थ है कि भक्तजन किसी प्रकार की उलझन में न पड़ें और रविवार के दिन श्रद्धापूर्वक व्रत करें।
जितिया व्रत का महत्व
जितिया व्रत मुख्य रूप से माताओं द्वारा अपने संतानों की लंबी आयु, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। यह व्रत विशेषकर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। व्रती महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं और संतान की रक्षा के लिए माता जीमूतवाहन की पूजा-अर्चना करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत से संतान पर आने वाले सभी संकट टल जाते हैं।
व्रत की परंपरा
जितिया व्रत तीन दिनों तक चलता है—पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन निर्जला उपवास और तीसरे दिन व्रत का पारण। इस दौरान व्रती महिलाएं आस्था और श्रद्धा के साथ संकल्प लेकर व्रत करती हैं और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। धार्मिक मान्यता है कि यह व्रत संतान को दीर्घायु प्रदान करता है और जीवन में हर प्रकार के संकट से रक्षा करता है।
वर्ष 2025 में जितिया व्रत 14 सितंबर, रविवार को मनाया जाएगा। पंचांग और शास्त्रों के अनुसार उदयातिथि की मान्यता के चलते यही दिन व्रत के लिए शुभ और फलदायी है। इस दिन माताएं संतान की मंगलकामना और दीर्घायु के लिए श्रद्धा से उपवास रखेंगी और पारंपरिक विधि से पूजा संपन्न करेंगी।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।