कादीपुर रेलवे क्रॉसिंग पर ठप पड़ा ROB निर्माण, पूर्व केंद्रीय मंत्री से गुहार, अब खत्म हो इंतज़ार!

कादीपुर रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण दो महीनों से ठप, चौबेपुर आवागमन के लिए ग्रामीणों को लगाना पड़ रहा है लगभग आठ किलोमीटर लंबा चक्कर। पूर्व केंदीय मंत्री से मिलकर प्रतिनिधिमंडल ने लगाई हस्तक्षेप की गुहार।

कादीपुर रेलवे क्रॉसिंग पर ठप पड़ा ROB निर्माण, पूर्व केंद्रीय मंत्री से गुहार, अब खत्म हो इंतज़ार!
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वाराणसी. चौबेपुर क्षेत्र में स्थित कादीपुर रेलवे क्रॉसिंग पर बन रहा आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) पिछले दो महीनों से अधर में लटका हुआ है। इस ठप निर्माण के चलते क्षेत्र के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को रोजाना 6–8 किलोमीटर की पगडंडियों से होकर सफर करना पड़ रहा है। इससे न केवल आम जन मानस को समस्या हुई है बल्कि चौबेपुर बाजार पर भी इसका व्यवसायिक असर पड़ा है।

इस समस्या को लेकर शनिवार को परमहंस हॉस्पिटल, कादीपुर के डायरेक्टर डॉ. वीर बहादुर सिंह के नेतृत्व में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक शिष्टमंडल पूर्व केंद्रीय मंत्री व चंदौली के पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय से उनके गाजीपुर जिले में पक्खनपर स्थित आवास पर मिला और मामले में उनसे हस्तक्षेप की मांग की।


डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने प्रतिनिधिमंडल की समस्याएं ध्यानपूर्वक सुनीं और और पूर्वोत्तर रेलवे के डीआरएम (डिविजनल रेलवे मैनेजर) से बात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस माह के अंत तक कादीपुर आरओबी का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।



इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा नेता जयप्रकाश पांडेय, पूर्व प्रधान अजीत सिंह, वरिष्ठ पत्रकार सत्येंद्र प्रकाश उपाध्याय, राहुल सेठ, शुभम सिंह, संदीप सिंह सोनू, नन्द किशोर गुप्ता और अन्य स्थानीय लोग शामिल रहे।

कादीपुर रेलवे क्रॉसिंग पर आरओबी निर्माण कार्य फरवरी में तेज़ी से शुरू हुआ था और लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका था। लेकिन पिछले दो महीनों से निर्माण पूरी तरह रुका पड़ा है, जिससे चौबेपुर, छीतमपुर, अजांव, धौरहरा, कादीपुर, मुनारी सहित आसपास के कई गांवों के लोग प्रभावित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे फाटक बंद रहने से उन्हें खेतों और बाज़ार तक पहुँचने के लिए लंबा रास्ता तय करना पड़ता है।


स्थानीय लोगों का कहना है कि डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय के हस्तक्षेप से अब काम दोबारा शुरू होने की उम्मीद है। अब सबकी निगाहें पूर्वोत्तर रेलवे और ठेकेदार फर्म पर हैं कि क्या वाकई अक्टूबर के अंत तक निर्माण पूरा हो जाएगा।

स्थानीय लोग चाहते हैं कि रेलवे प्रशासन जल्द निरीक्षण कर ठेकेदार के लिए समयसीमा तय करे, ताकि यातायात बहाल हो सके।

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