जून के अंत से शुरू होगी 2025 की कैलाश मानसरोवर यात्रा, शिवभक्तों को मिलेंगे अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव

हर वर्ष की भांति 2025 में भी कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन श्रद्धा, आस्था और आध्यात्मिक चेतना के साथ किया जाएगा। इस वर्ष यह अत्यंत पवित्र यात्रा जून के अंतिम सप्ताह से आरंभ होने जा रही है। इस यात्रा को हिंदू धर्म में अत्यंत पुण्यकारी माना गया है, क्योंकि यह भगवान शिव के निवास स्थान कैलाश पर्वत और उनके चरणों में स्थित मानसरोवर झील तक पहुंचने का मार्ग प्रदान करती है। इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को न केवल शिवधाम के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है, बल्कि वे मार्ग में आने वाले अनेक पौराणिक और धार्मिक स्थलों का भी अवलोकन करते हैं।
कैलाश मानसरोवर यात्रा केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि आत्मा को झकझोर देने वाला एक गहन आध्यात्मिक अनुभव है। यह यात्रा हिमालय की कठिन पहाड़ियों, बर्फ से ढके रास्तों और ऊँचे पर्वतीय दर्रों से गुजरती है। फिर भी हर वर्ष हजारों श्रद्धालु कठिनाइयों को पार कर इस पवित्र स्थल तक पहुँचने का संकल्प लेते हैं। 2025 में यात्रा जून के अंतिम सप्ताह से शुरू होकर अगस्त तक चलने की संभावना है। भारत सरकार और संबंधित एजेंसियों द्वारा यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए जाते हैं, जिसमें मेडिकल चेकअप, गाइड, रहन-सहन और जरूरी प्रशिक्षण भी शामिल हैं।
इस यात्रा का मार्ग दो प्रकार से तय किया जा सकता है—पहला लिपुलेख दर्रे (उत्तराखंड) से होकर और दूसरा नाथू ला पास (सिक्किम) के माध्यम से। दोनों ही मार्गों में श्रद्धालुओं को प्रकृति की दिव्य सुंदरता के साथ-साथ, प्राचीन मंदिरों, ध्यान स्थलों और बौद्ध मठों का दर्शन करने का अवसर भी मिलता है। इसके अलावा यात्रा मार्ग में स्थित पवित्र झील रक्षास्ताल, गौरीकुंड और यमद्वार जैसे स्थल भी यात्रियों को आध्यात्मिकता से जोड़ते हैं।
मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से इस यात्रा को करता है, उसे जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष का द्वार खुलता है। मानसरोवर झील में स्नान और ध्यान करने से मानसिक शांति मिलती है और आत्मिक जागरण होता है। कैलाश पर्वत की परिक्रमा, जिसे ‘कैलाश-परिक्रमा’ कहा जाता है, अत्यंत कठिन मानी जाती है, फिर भी इसका आध्यात्मिक महत्व अपार है।
इस प्रकार 2025 की कैलाश मानसरोवर यात्रा न केवल एक तीर्थयात्रा है, बल्कि यह जीवन को आध्यात्मिकता, धैर्य और शक्ति से भर देने वाला अनुभव है। इच्छुक श्रद्धालुओं को चाहिए कि वे समय रहते आवेदन प्रक्रिया, पासपोर्ट, स्वास्थ्य परीक्षण और प्रशिक्षण की तैयारी पूरी कर लें, ताकि इस अद्वितीय यात्रा में किसी प्रकार की अड़चन न आए।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।