मुंबई से किडनैप हुई 4 साल की बच्ची वाराणसी के अनाथालय से मिली

चौबेपुर भंदहा कला में बाल दिवस का उत्सव उमरहां में 25 हजार कुंडीय महायज्ञ की तैयारी और वाराणसी में नई कृषि किस्मों सहित कई स्थानीय घटनाएं सुर्खियों में

मुंबई से किडनैप हुई 4 साल की बच्ची वाराणसी के अनाथालय से मिली
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मुंबई से किडनैप हुई 4 साल की बच्ची वाराणसी के अनाथालय से मिली


शनिवार का दिन कई बड़ी खबरों की हलचल से भरा रहा। मुंबई से अगवा हुई चार साल की बच्ची बनारस में मिली तो NDA की जीत पर मना जश्न। चौबेपुर इलाके में रही बाल दिवस के उत्सव की धूम, तो जापानी वैज्ञानिकों का दल पहुंचा चौबेपुर क्षेत्र में। पढ़िए सभी खबरें... नीचे दिए गए वीडियो पर क्लिक कर के सुन भी सकते हैं। पेश है www.publickhabar.com की प्रस्तुति


मुंबई से गायब हुई चार साल की बच्ची वाराणसी के अनाथालय में मिली, परिवार की सांस लौटी


मुंबई पुलिस कई महीनों से जिस बच्ची को ढूंढ रही थी, वह आखिर वाराणसी में मिल गई। मई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के पास से बच्ची गायब हुई थी और परिवार पथराई आंखों से हर पोस्टर पर उम्मीद ढूंढ रहा था। पुलिस को जब वाराणसी के एक अनाथालय में मिली एक बच्ची की फोटो पर शक हुआ तो CCTV फुटेज मिलाकर पहचान की गई। फिर तो जैसे बात तेजी से साफ होती गई।


अनाथालय की महिला ने बताया कि बच्ची सड़क किनारे रोती मिली थी, इसलिए उसे काशी नाम दिया। पुलिस ने वीडियो कॉल पर माता पिता को दिखाया और उनकी आवाज सुनते ही बच्ची मुस्करा उठी। यह सुनकर दिल थोड़ी देर को थम गया। बच्ची को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर महाराष्ट्र भेज दिया गया है। अपहर्ता अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है और उसकी तलाश तेज हुई है।



भंदहा कला में बाल दिवस का खेल उत्सव, ईंट भट्ठों के बच्चों ने दिखाई दमदार ऊर्जा


चौबेपुर के भंदहा कला में आशा ट्रस्ट के अध्ययन केंद्र पर आज बाल दिवस का माहौल बड़ा खिलंदड़ रहा। राजवारी, कुर्सिया और आसपास के ईंट भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिक परिवारों के करीब सौ बच्चे खेल प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे थे।


समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि खेल बच्चों का हक है और यह बात सुनकर कई बच्चों के चेहरे पर अजीब सी चमक आ गई। कार्यक्रम में प्रदीप सिंह, सरोज सिंह, सौरभ चन्द्र और बाकी साथियों ने पूरा दिन बच्चों के साथ बिताया। ऐसे आयोजनों में सादगी भी दिखती है और उम्मीद भी।


उमरहां में 25 हजार कुंडीय वैदिक महायज्ञ की तैयारी, देश विदेश से पहुंचेंगे श्रद्धालु


उमरहां के स्वर्वेद मंदिर में इस बार का वार्षिकोत्सव थोड़ा भव्य होने वाला है। कश्मीर से कन्याकुमारी और दुनिया के 18 देशों तक से श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे। आयोजन स्थल को 108 ब्लॉकों में बांटा गया है जहां महायज्ञ में आहुति दी जाएगी।


संत प्रवर विज्ञान देव महाराज और सद्गुरु आचार्य स्वतंत्र देव महाराज की उपस्थिति में दीक्षा और योगाभ्यास भी होंगे। दिलचस्प बात यह है कि आयोजन स्थल पर मिट्टी के खपरैल वाले पारंपरिक घर भी सजाए जा रहे हैं, ताकि लोग पुराने गांवों की तस्वीर को फिर से महसूस कर सकें।



बिहार चुनाव में NDA की जीत पर चौबेपुर में महिलाओं ने मनाया जश्न


बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की जीत के बाद चौबेपुर में महिलाओं ने मिठाई बांटकर अपनी खुशी जाहिर की। भाजपा की मंडल उपाध्यक्ष शारदा चतुर्वेदी ने कहा कि इस बार महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी और इसी ने परिणाम तय किए।


उन्होंने बताया कि 11 प्रतिशत अधिक मतदान यह साफ करता है कि महिलाएं अब लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में मजबूत भूमिका निभा रही हैं। स्थानीय माहौल भी राजनीतिक चर्चा से गर्म था।



मोलनापुर में आवारा पशुओं पर अभियान, किसानों को मिली राहत


मोलनापुर ग्राम सभा में आज आवारा पशुओं को पकड़ने का संयुक्त अभियान चला। चोलापुर ब्लॉक के अधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी और स्थानीय लोग मिलकर पूरे दिन खेतों के किनारे घूमते रहे। कई पशुओं को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया गया। किसानों के चेहरों पर राहत कुछ इस तरह झलक रही थी जैसे कई दिनों का बोझ उतर गया हो।



चंद्रावती प्राथमिक विद्यालय में चिल्ड्रेंस डे का रंगीन जश्न


चौबेपुर के प्राथमिक विद्यालय चंद्रावती में आज बच्चों की आवाजें पूरे स्कूल में गूंज रही थीं। रंगीन गुब्बारे, रिबन और छोटे छोटे खेल, सब कुछ बच्चों के नाम। म्यूजिकल चेयर और चम्मच दौड़ में भाग लेने को लेकर बच्चे इतने उत्साहित थे कि एक दूसरे से पहले निकलने की होड़ लग रही थी।


डिटॉल इंडिया के मनोज कुमार और वसीम अकरम ने बच्चों को स्वच्छता की अहम बातें बताईं और किट के साथ चॉकलेट भी दीं।



नखवां पुरा में आग से कई सूखे बाँस खाक, किसान परेशान


रामचन्दीपुर के नखवां पुरा में शुक्रवार शाम अचानक लगी आग से राजेंद्र प्रसाद निषाद की बाँस की कोठी पूरी तरह जल गई। गांव वालों ने पानी डालकर किसी तरह आग को आगे बढ़ने से रोका। किसी के घायल होने की खबर तो नहीं, लेकिन नुकसान इतना है कि किसान का माथा अब भी भारी है।



मुस्तफाबाद में बांस चारकोल भट्ठे का शुभारंभ, जापान के विशेषज्ञ भी पहुंचे


मुस्तफाबाद में वन आधारित गंगा अनुकूल आजीविका परियोजना के तहत बांस का चारकोल बनाने वाला भट्ठा शुरू हुआ। जापान के विशेषज्ञों की मौजूदगी ने कार्यक्रम को खास बना दिया। यहां बनने वाला बायोचार खेती में पैदावार बढ़ाने में मदद करेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।



किसानों के लिए फसल बीमा की अंतिम तारीखें तय


सीडीओ प्रखर कुमार सिंह ने बताया कि गेहूं, चना, मटर और आलू के लिए बीमा की अंतिम तारीख 31 दिसम्बर है। सब्जी के लिए 30 नवम्बर और आम के लिए 15 दिसम्बर रखी गई है। किसान भाई अक्सर तारीखें मिस कर देते हैं और बाद में पछताते हैं, इसलिए यह सूचना काफी जरूरी है।



वाराणसी में विकसित नई लाल मूली काशी लोहित, स्वाद और पोषण में खास


IIVR ने काशी लोहित नाम की लाल मूली विकसित की है। बाहर लाल और भीतर सफेद, पोषण में भी भारी। एंथोसायनिन और एस्कॉर्बिक एसिड की बेहतर मात्रा इसे सलाद और कच्चा खाने वालों के लिए बढ़िया विकल्प बनाती है। 40 से 45 दिन में तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर उपज भी अच्छी मिलती है।


IIVR की तीन और नई किस्में अब किसानों के लिए उपलब्ध


लोबिया की काशी निधि, कोहड़ा की काशी हरित और चौलाई की काशी सुहावनी अब किसानों तक पहुंच चुकी हैं। IIVR ने इनका लाइसेंस आरसीड फार्म्स को दिया है। इन किस्मों पर काम करने वाले वैज्ञानिकों ने बताया कि उपज और गुणवत्ता दोनों बढ़िया हैं।



विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के चयन की प्रक्रिया आज शुरू


जिला उद्योग केंद्र में आज टूलकिट के लिए लाभार्थियों का चयन होना है। बढ़ई, नाई, धोबी और अन्य पारंपरिक पेशों से जुड़े लोग अपने दस्तावेज लेकर पहुंच सकते हैं।



काशी विद्यापीठ में परीक्षा फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 16 नवंबर


परीक्षा नियंत्रक दीप्ति मिश्रा ने साफ कहा कि तिथि बढ़ने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि शासन परीक्षा कार्यों की निगरानी कर रहा है। छात्रों में थोड़ी बेचैनी दिख रही है, लेकिन समय है तो फॉर्म भर ही लेना चाहिए।


विश्व मधुमेह दिवस पर शहर में जागरूकता अभियान


बीएचयू से लेकर कबीरचौरा अस्पताल तक आज मधुमेह पर कई कार्यक्रम हुए। डॉक्टरों ने बताया कि हर उम्र में यह बीमारी असर डालती है और जीवनशैली में सुधार ही इसका सबसे भरोसेमंद बचाव है। कई लोगों को जांच और सलाह दी गई।


BHU में भोजपुरी संस्कृति पर आधारित चित्रशाला, कलाकारों ने खींची अपनी मिट्टी की तस्वीर


भोजपुरी अध्ययन केंद्र में आयोजित चित्रशाला में कलाकारों ने लोकगीत और लोक जीवन को तूलिका और रंगों से नई पहचान दी। तीन दिन तक चली इस कार्यशाला में युवा कलाकारों ने अपनी कल्पना को कैनवास पर उतारा। उनकी कला अब राष्ट्रीय कार्यशाला के दौरान प्रदर्शित की जाएगी।

यह खबर www.publickhabar.com द्वारा प्रकाशित है।

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