विस्तृत रिपोर्ट: 15 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, इस बार भगवान का 5252वां जन्मदिवस

श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हर वर्ष मनाई जाने वाली श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इस बार 15 अगस्त 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी। यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व का प्रतीक है, बल्कि यह भक्ति, उत्सव और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक बन गया है। इस वर्ष भक्तगण भगवान श्रीकृष्ण के 5252वें जन्मदिवस का भव्य उत्सव मनाएंगे। मथुरा, वृंदावन, द्वारका से लेकर देश-विदेश तक कान्हा के जन्म का उल्लास देखने लायक होगा।
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म: आधी रात में अवतरित हुए नंदलाल
पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में कंस के कारागार में हुआ था। वे आधी रात के समय प्रकट हुए, जब अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग था। यह संयोग इस बार 15 अगस्त की रात को बन रहा है। निशिता काल यानी मध्यरात्रि का समय श्रीकृष्ण जन्म के लिए अत्यंत पवित्र और उपयुक्त माना जाता है।
* श्रीकृष्ण जन्म का निशिता मुहूर्त: रात 12:02 बजे से 12:48 बजे तक रहेगा।
* अष्टमी तिथि आरंभ: 15 अगस्त को सुबह 08:38 बजे
* अष्टमी तिथि समाप्त: 16 अगस्त को सुबह 09:45 बजे
पूजन विधि: कैसे करें बाल गोपाल की आराधना
जन्माष्टमी के दिन भक्तजन दिनभर उपवास रखते हैं और रात्रि के समय भगवान श्रीकृष्ण का झूला सजाना, पंचामृत से अभिषेक, पालना झुलाना और भजन-कीर्तन करना बेहद शुभ माना जाता है। साथ ही माखन-मिश्री, तुलसी पत्र, और धनिया के पंजीरी का भोग अर्पित किया जाता है। कई भक्त पूरे दिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करते हैं और श्रीकृष्ण की लीलाओं को स्मरण करते हैं।
देशभर में तैयारियां जोरों पर: मथुरा-वृंदावन में लगेगा आस्था का मेला
जन्माष्टमी को लेकर विशेष उत्साह मथुरा और वृंदावन में देखने को मिलता है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, और इस्कॉन मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है। झांकी, रासलीला, दही हांडी प्रतियोगिताएं, और अखंड कीर्तन इस दिन की शोभा बढ़ाते हैं। इस बार 15 अगस्त को जन्माष्टमी और स्वतंत्रता दिवस एक साथ पड़ने के कारण पूरे देश में एक विशेष माहौल देखने को मिलेगा।
कृष्ण जन्म का आध्यात्मिक संदेश
श्रीकृष्ण का जन्म केवल धार्मिक कथा भर नहीं, बल्कि अधर्म पर धर्म की विजय, न्याय की स्थापना, और भक्ति-ज्ञान-कर्तव्य के अद्भुत संतुलन का प्रतीक है। उनके जीवन की शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी द्वापर युग में थीं। इस दिन भक्तजन भगवान के आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लेते हैं।
15 अगस्त 2025 को मनाई जाने वाली श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, केवल एक पर्व नहीं बल्कि भक्तिभाव, आस्था और संस्कारों का उत्सव है। कान्हा के 5252वें जन्मदिवस के मौके पर देशभर में धूमधाम और आध्यात्मिक उमंग का वातावरण रहेगा। यदि पूजा शुभ मुहूर्त में विधिपूर्वक की जाए, तो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास सुनिश्चित माना जाता है।