कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी 14 जून 2025 को, श्रीगणेश की उपासना से दूर होंगी आर्थिक बाधाएं

हिंदू धर्म में चतुर्थी तिथि विशेष रूप से भगवान गणेश को समर्पित मानी जाती है। हर माह दो बार आने वाली चतुर्थी में से संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व होता है, जो कृष्ण पक्ष में आती है। इस बार 14 जून 2025, शुक्रवार को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा।
इस दिन भक्तगण विधिवत व्रत रखकर गणपति बाप्पा की आराधना करते हैं। मान्यता है कि इस व्रत को सच्चे मन और नियमपूर्वक करने से भगवान गणेश सभी विघ्नों का नाश करते हैं और जीवन से आर्थिक संकट दूर होते हैं।
संकष्टी चतुर्थी का महत्व और नामकरण
‘संकष्टी’ का अर्थ होता है—‘संकटों का अंत करने वाली’। वहीं ‘कृष्णपिङ्गल’ इस दिन के चंद्र दर्शन के नाम से जुड़ा है, क्योंकि हर संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रमा का एक विशेष स्वरूप देखा जाता है, और उसी आधार पर उसका नामकरण होता है।
कृष्ण पक्ष में आने वाली इस चतुर्थी को 'कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी' कहा जाता है। इस दिन उपवास रखकर भगवान गणेश का पूजन करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। खासकर वे लोग जो जीवन में बार-बार आर्थिक तंगी, ऋण या व्यवसायिक नुकसान से जूझ रहे हों, उनके लिए यह व्रत अत्यंत फलदायी होता है।
गणेश पूजा और व्रत विधि
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
2. भगवान गणेश की मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराकर स्वच्छ वस्त्र पहनाएं।
3. दूर्वा, मोदक, सिंदूर, लड्डू, और पुष्प अर्पित करें।
4. 'ॐ गण गणपतये नमः' मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
5. संध्या समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करें।
6. रात्रि में चंद्र दर्शन के बाद ही उपवास खोला जाता है। इस दिन चंद्रमा को देखना और अर्घ्य देना भी विशेष रूप से आवश्यक होता है।
संकष्टी चतुर्थी और आर्थिक समृद्धि का संबंध
ज्योतिष और धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो गणेशजी को सिद्धि, बुद्धि और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। वे व्यापार में लाभ, नौकरी में तरक्की, ऋण से मुक्ति और पारिवारिक सुख-शांति के कारक हैं।
मान्यता है कि जो व्यक्ति संकष्टी चतुर्थी का व्रत करता है, उसे कभी धन की कमी नहीं होती और वह जीवन में स्थिरता व सफलता प्राप्त करता है। यही कारण है कि आर्थिक समस्याओं से परेशान लोग इस दिन विशेष रूप से भगवान गणेश की आराधना करते हैं।
14 जून 2025 को मनाई जाने वाली कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन में चल रही आर्थिक और मानसिक परेशानियों से निजात दिलाने वाली तिथि भी है।
यदि आप भी धन हानि, कर्ज या व्यापार में घाटे जैसी परेशानियों से जूझ रहे हैं, तो इस दिन पूर्ण श्रद्धा और विधि-विधान से गणेशजी की पूजा कर व्रत रखें। निश्चित ही भगवान गणेश आपकी सभी बाधाओं को दूर कर सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करेंगे।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।