क्या होता है मंगल दोष? जानिए मांगलिक योग का वास्तविक अर्थ और जीवन पर इसका प्रभाव

हिंदू ज्योतिष में विवाह से पहले कुंडली मिलान की प्रक्रिया को अत्यंत आवश्यक माना गया है। इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है मंगल दोष या मांगलिक दोष की जांच। बहुत से लोग इस दोष को लेकर भ्रमित रहते हैं कि आखिर यह क्या है और इसका जीवन या विवाह पर कैसा असर पड़ता है। आइए, इस विषय को विस्तार से समझते हैं।
क्या है मंगल दोष?
मंगल दोष तब बनता है जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है। यह स्थिति विशेष रूप से वैवाहिक जीवन पर प्रभाव डालती है और इसे ही मांगलिक योग कहा जाता है।
मंगल ग्रह को क्रूर ग्रह माना गया है, जो ऊर्जा, साहस, और आक्रोश से जुड़ा होता है। इसलिए जब यह ग्रह उपरोक्त भावों में स्थित होता है, तो जातक के जीवन में वैवाहिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याएं या दांपत्य जीवन में टकराव की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
कौन होते हैं मांगलिक?
जिन व्यक्तियों की कुंडली में मंगल दोष होता है, उन्हें मांगलिक कहा जाता है। यह दोष केवल वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है ऐसा नहीं है, परंतु विवाह से संबंधित विषयों में इसका सबसे अधिक महत्व माना जाता है। मांगलिक व्यक्ति के लिए गैर-मांगलिक जीवनसाथी के साथ विवाह करना कभी-कभी शुभ नहीं माना जाता, जब तक कि विशेष ज्योतिषीय उपाय न किए जाएं।
क्या सच में मांगलिक विवाह अशुभ होता है?
यह धारणा पूरी तरह सही नहीं है। हर मांगलिक दोष का प्रभाव एक जैसा नहीं होता। ग्रहों की दृष्टि, अन्य ग्रहों की स्थिति और योग-बाधाएं मिलकर निर्णय देती हैं कि दोष कितना प्रभावशाली है। कई बार यह दोष रद्द (nullified) भी हो जाता है, जिसे अंशिक या पूर्ण मंगलीक दोष निवारण कहा जाता है।
मंगल दोष के सामान्य प्रभाव
* वैवाहिक जीवन में तनाव या असहमति
* विवाह में देरी या बाधाएं
* क्रोध की प्रवृत्ति
* दुर्घटना या मानसिक अशांति
* जीवनसाथी के स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं
क्या हैं इसके उपाय?
ज्योतिष शास्त्र में मंगल दोष को शांति प्रदान करने के कई उपाय बताए गए हैं:
1. हनुमान जी की पूजा और मंगलवार का व्रत करें
2. मंगल वार को लाल वस्त्र, मसूर दाल, तांबे के बर्तन का दान करें
3. मंगल शांति पूजन या मंगल जाप (108 या 1008 बार) करें
4. दो मांगलिक व्यक्तियों का आपस में विवाह करना शुभ माना जाता है
5. कुंभ विवाह या तुलसी विवाह जैसे धार्मिक उपायों से भी दोष शांत हो सकता है
मंगल दोष एक ज्योतिषीय स्थिति है, न कि कोई अभिशाप। सही दिशा में समझ, उपाय और विश्वास से इसे संतुलित किया जा सकता है। ज्योतिषशास्त्र हमें जीवन के संकटों से डराने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें समझकर समाधान निकालने के लिए मार्गदर्शन देता है। अगर कुंडली में मंगल दोष हो, तो घबराएं नहीं—बल्कि अनुभवी ज्योतिषी की सलाह लेकर उचित उपाय अपनाएं।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।