मंगल गोचर 27 अक्टूबर 2025: वृश्चिक राशि में प्रवेश से बनेगा रूचक राजयोग, जानें ज्योतिषीय प्रभाव

मंगल गोचर 27 अक्टूबर 2025: वृश्चिक राशि में प्रवेश से बनेगा रूचक राजयोग, जानें ज्योतिषीय प्रभाव
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मंगल का गोचर और ज्योतिषीय महत्व

वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के गोचर का विशेष महत्व माना गया है। जब-जब ग्रह अपनी राशि बदलते हैं, तब कई प्रकार के शुभ और अशुभ योग बनते हैं। यह योग किसी जातक के जीवन पर सीधा प्रभाव डालते हैं। इसी क्रम में 27 अक्टूबर 2025 को मंगल ग्रह, जिन्हें ग्रहों का सेनापति भी कहा जाता है, अपनी ही राशि वृश्चिक में प्रवेश करेंगे। मंगल का यह गोचर अत्यंत प्रभावशाली माना जा रहा है क्योंकि इसके साथ ही पंच महापुरुष योगों में से एक रूचक राजयोग का निर्माण होगा।

रूचक राजयोग क्या है और क्यों है खास

ज्योतिष शास्त्र में पंच महापुरुष योग अत्यंत दुर्लभ और शक्तिशाली माने गए हैं। जब मंगल ग्रह अपने स्वराशि यानी मेष या वृश्चिक में अथवा उच्च राशि मकर में केंद्र भाव में स्थित होते हैं, तब रूचक राजयोग का निर्माण होता है। यह योग जातक को साहस, पराक्रम, नेतृत्व क्षमता और सफलता प्रदान करता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति करता है और समाज में उसका विशेष स्थान बनता है।

मंगल के गोचर से मिलने वाले लाभ

27 अक्टूबर को बनने वाले इस राजयोग से कई राशियों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है। जिन जातकों की कुंडली में यह योग सक्रिय होगा, उन्हें करियर और व्यवसाय में नए अवसर मिल सकते हैं। आर्थिक दृष्टि से भी यह समय शुभ संकेत लेकर आएगा। मंगल ऊर्जा, साहस और निर्णायक क्षमता के प्रतीक हैं, इसलिए इस योग का असर जीवन में नए आत्मविश्वास और शक्ति के रूप में देखने को मिलेगा।

समाज और व्यक्तिगत जीवन पर प्रभाव

मंगल के वृश्चिक राशि में प्रवेश से समाज में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। राजनीति, प्रशासन और सेना से जुड़े लोगों को इस अवधि में विशेष सफलता मिल सकती है। वहीं आम लोगों के लिए यह समय नए कार्यों की शुरुआत, निवेश और जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों में लाभकारी रहेगा।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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