मार्गशीर्ष अमावस्या 2025: पितरों की कृपा पाने का शुभ अवसर, जानें पूजन विधि और पितृ दोष निवारण के प्रभावी उपाय

मार्गशीर्ष अमावस्या 2025: पितरों की कृपा पाने का शुभ अवसर, जानें पूजन विधि और पितृ दोष निवारण के प्रभावी उपाय
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हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने अमावस्या का दिन अत्यंत शुभ और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह तिथि विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होती है जो अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। मार्गशीर्ष मास में पड़ने वाली अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, तर्पण, पिंडदान और ब्राह्मणों को भोजन कराने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और जीवन से पितृ दोष समाप्त होता है।


मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

वैदिक गणना के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या 19 नवंबर 2025 को प्रारंभ होकर 20 नवंबर 2025 को समाप्त होगी। इस दिन प्रातःकाल स्नान और तर्पण करना अत्यंत फलदायी माना गया है। ब्रह्म मुहूर्त से लेकर सूर्योदय तक स्नान, दान और पितृ तर्पण का सर्वोत्तम समय रहता है।


पितरों को प्रसन्न करने की विधि

मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। यदि संभव हो तो किसी तीर्थ स्थल या पवित्र नदी में स्नान करें। इसके बाद तिल, कुश, पुष्प और जल से पितरों का तर्पण करें। पिंडदान के साथ दक्षिणा और दान का विशेष महत्व है। इस दिन गाय, ब्राह्मण और जरूरतमंदों को भोजन कराना पुण्यदायी माना जाता है। घर के दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितरों को जल अर्पित करने से उनकी आत्मा तृप्त होती है और उनका आशीर्वाद जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।



पितृ दोष निवारण के उपाय (Pitra Dosh Ke Upay)

1. तिल और जल से तर्पण करें: काले तिल और गंगाजल का मिश्रण बनाकर पितरों के नाम से तर्पण करें।


2. पीपल वृक्ष की पूजा करें: अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष को जल अर्पित करें और उसके नीचे दीपक जलाएं।


3. गाय को भोजन कराएं: गाय को आटा, गुड़ और हरा चारा खिलाने से पितृ दोष का प्रभाव कम होता है।


4. पंडित को दक्षिणा दें: किसी विद्वान ब्राह्मण को भोजन और वस्त्र दान करें।


5. शुद्ध मन से प्रार्थना करें: पितरों से क्षमा याचना कर उनके आशीर्वाद की कामना करें।


अमावस्या का आध्यात्मिक महत्व

अमावस्या केवल तिथि नहीं बल्कि आत्मचिंतन और आध्यात्मिक साधना का दिन है। यह तिथि हमारे कर्मों के शुद्धिकरण और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितरों की पूजा करने से न केवल पितृ दोष का निवारण होता है, बल्कि जीवन में शांति, समृद्धि और मानसिक संतुलन भी प्राप्त होता है।


मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 पितरों की कृपा पाने और पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने का अत्यंत शुभ अवसर है। इस दिन श्रद्धा और विधिपूर्वक पूजा करने से पूर्वजों की आत्मा प्रसन्न होती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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