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मऊ: इजराइल की उड़ान भरने से पहले उजड़ गई दुनिया, सर्प दंश से दोनों बच्चों की मौत

7 जनवरी 2026 को योगेश को रोजगार के लिए विदेश जाना था, लेकिन टिकट का इंतजाम करते वक्त मिली खबर ने पूरे परिवार को झकझोर दिया।

मऊ: इजराइल की उड़ान भरने से पहले उजड़ गई दुनिया, सर्प दंश से दोनों बच्चों की मौत
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बेहतर भविष्य के सपने पर टूटा दुखों का पहाड़

मऊ जिले में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। बेहतर भविष्य की तलाश में विदेश जाने की तैयारी कर रहे एक पिता के सपने उस वक्त चकनाचूर हो गए, जब उन्हें अपने ही घर के दो चिराग बुझने की खबर मिली। इजराइल जाने की तैयारी कर रहे व्यक्ति के दोनों बच्चों की सांप काटने से मौत हो गई। हादसा उस समय हुआ जब बच्चे अपने ननिहाल में सो रहे थे।

ननिहाल में सोते समय हुआ हादसा

यह घटना गाजीपुर जिले के कासिमाबाद थाना क्षेत्र के बढ़ईपुर गांव की है। मऊ के रतनपुरा ब्लॉक अंतर्गत भुड़सुरी ग्राम पंचायत निवासी योगेश यादव की पत्नी प्रिया अपने दो बच्चों अनन्या और अंश के साथ मायके गई हुई थीं।

पुआल के बिस्तर पर मौत का साया

ग्रामीण इलाकों में ठंड से बचने के लिए अक्सर पुआल को बिस्तर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। सोमवार की शाम करीब सात बजे दोनों बच्चे घर के अंदर पुआल पर सो गए थे। रात करीब ग्यारह बजे जब मां बच्चों को दूध पिलाने पहुंचीं, तो दोनों के शरीर में कोई हरकत नहीं दिखी।

अस्पताल पहुंचते ही टूट गई उम्मीद

परिजन अनहोनी की आशंका में बच्चों को तत्काल मऊ के फातिमा अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने दोनों भाई बहन को मृत घोषित कर दिया। शुरुआती लक्षणों के आधार पर सर्प दंश की आशंका जताई गई।

इजराइल जाने की तैयारी और मौत की खबर

इस हादसे का सबसे दर्दनाक पहलू पिता योगेश यादव की स्थिति रही। वे वेंडर ट्रेड के सिलसिले में इजराइल जाने वाले थे और उनकी फ्लाइट 7 जनवरी 2026 को तय थी। हादसे के वक्त वे आजमगढ़ में टिकट और दस्तावेजों की व्यवस्था कर रहे थे।

एक फोन कॉल ने सब कुछ बदल दिया

रात करीब पौने बारह बजे फोन पर बच्चों की हालत की सूचना मिली। योगेश बदहवास होकर अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें पता चला कि जिन बच्चों के भविष्य के लिए वे विदेश जा रहे थे, वे अब इस दुनिया में नहीं रहे।

यात्रा रद्द, गांव में पसरा मातम

इस दोहरे आघात ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया। योगेश यादव ने अपनी इजराइल यात्रा अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दी। मंगलवार सुबह तुर्तीपार स्थित घाघरा नदी के तट पर दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया।

ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा पर सवाल

इस घटना ने ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन पर सोने और पुआल के इस्तेमाल से जुड़े खतरों को एक बार फिर उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे स्थानों पर विषैले जीव आसानी से छिप जाते हैं, जिससे इस तरह की दर्दनाक घटनाओं का खतरा बना रहता है।

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