नवरात्रि 2025 का आठवां दिन: 8 अक्टूबर को मां महागौरी की पूजा, जानें स्वरूप, कथा और महत्व

नवरात्रि 2025 का आठवां दिन: 8 अक्टूबर को मां महागौरी की पूजा, जानें स्वरूप, कथा और महत्व
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नवरात्रि का आठवां दिन: मां महागौरी को समर्पित

शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा के लिए समर्पित होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता महागौरी की आराधना करने से जीवन में पाप नष्ट होते हैं और साधक को दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है। उनका रूप सौंदर्य और शांति का प्रतीक माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु उपवास रखते हैं, विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और कन्याओं को भोजन कराकर देवी का आशीर्वाद पाते हैं।

देवी महागौरी का स्वरूप और वाहन

मां महागौरी का रंग श्वेत है, इसी कारण उन्हें "महागौरी" कहा जाता है। उनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें वे त्रिशूल और डमरू धारण करती हैं जबकि दो भुजाएं वरमुद्रा और अभयमुद्रा में रहती हैं। देवी वृषभ (सांड) पर सवार होकर भक्तों को धर्म, अर्थ और मोक्ष की ओर प्रेरित करती हैं। उनका स्वरूप भक्तों को पवित्रता, धैर्य और आध्यात्मिक उन्नति का संदेश देता है।

पूजा का महत्व और विधि

महागौरी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और वैवाहिक जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से कठिन से कठिन कष्ट भी दूर हो जाते हैं। भक्त स्नान कर के शुद्ध वस्त्र धारण करते हैं, घर में कलश पूजन के बाद मां महागौरी का श्रृंगार कर उन्हें पुष्प, गंध, नैवेद्य और दीप अर्पित करते हैं। कन्या पूजन और दान का विशेष महत्व इस दिन माना गया है।

धार्मिक महत्व और कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, महागौरी ने कठोर तपस्या करके भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। तपस्या के दौरान उनका शरीर काला हो गया था, किंतु शिव कृपा से उनका वर्ण श्वेत हो गया। तभी से वे "महागौरी" कहलाने लगीं। उनका स्मरण जीवन से नकारात्मकता दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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