हरियाणा: पानीपत में गोरक्षक के साथ मारपीट पर मचा बवाल, एसपी ने 10 घंटे में लिए कड़े एक्शन, दो पुलिसकर्मी सस्पेंड

हरियाणा के पानीपत जिले से एक संवेदनशील और हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां गोरक्षक के साथ कथित रूप से मारपीट और बदसलूकी का मामला सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हलचल मच गई है। इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल स्थानीय प्रशासन को सक्रिय किया, बल्कि प्रदेश में गोरक्षा और पुलिस व्यवहार को लेकर भी नए सिरे से बहस छेड़ दी है।
गोरक्षक से मारपीट और चोटी पकड़कर घसीटने का आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक गोरक्षक द्वारा गोवंश तस्करी की सूचना देने पर कुछ पुलिसकर्मियों की टीम मौके पर पहुंची। लेकिन आरोप है कि मौके पर मौजूद चार पुलिसकर्मियों ने गोरक्षक के साथ हाथापाई करते हुए उसकी चोटी पकड़कर सरेआम घसीटा। यह पूरा दृश्य आसपास मौजूद लोगों ने कैमरे में कैद कर लिया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
SP ने 10 घंटे में लिया संज्ञान, 2 पुलिसकर्मी सस्पेंड
घटना की खबर मिलते ही पानीपत के पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह ने तत्काल संज्ञान लिया और संबंधित गोरक्षक की शिकायत पर केवल 10 घंटे के भीतर ही कार्रवाई करते हुए दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। शेष दो अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं और मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया गया है।
सोशल मीडिया पर गूंजा मामला, लोगों में रोष
इस पूरी घटना के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा भड़क उठा। कई यूजर्स ने इसे गोरक्षकों का अपमान बताया, तो कुछ ने पुलिस के रवैये पर सवाल उठाए। राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले को गंभीर मानते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, पीड़ित गोरक्षक ने कहा कि वह केवल अपने धर्म और कर्तव्य का पालन कर रहा था, लेकिन उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया।
मानवाधिकार संगठनों की निगरानी
घटना के बढ़ते दायरे को देखते हुए अब मानवाधिकार से जुड़े कई संगठनों ने भी इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इस तरह की घटनाओं पर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह प्रशासनिक विश्वास को कमजोर कर सकती है।
पानीपत की यह घटना केवल एक गोरक्षक पर हमला नहीं, बल्कि यह पुलिस तंत्र की संवेदनशीलता और कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। हालांकि, एसपी लोकेंद्र सिंह की त्वरित कार्रवाई ने यह दिखाया कि शिकायतों पर तत्परता से संज्ञान लिया जा सकता है, बशर्ते प्रशासनिक इच्छाशक्ति हो। अब देखना यह होगा कि विभागीय जांच के बाद क्या अन्य दोषियों पर भी कड़ी कार्रवाई होती है या मामला यहीं ठंडे बस्ते में चला जाएगा।