प्रयागराज का अद्वितीय लेटे हनुमान मंदिर, दारागंज स्थित इस रहस्यमय धाम की जानिए विशेषताएं और आस्था का रहस्य

उत्तर प्रदेश के तीर्थराज प्रयागराज में स्थित एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जो श्रद्धालुओं की आस्था और जिज्ञासा दोनों का केंद्र बना हुआ है। यह मंदिर दारागंज मोहल्ले में गंगा नदी के किनारे स्थित है और इसे 'लेटे हनुमान मंदिर' के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां विराजमान हनुमान जी की मूर्ति लेटी हुई अवस्था में है, जो पूरे भारत में दुर्लभ और अद्वितीय मानी जाती है।
अनूठी मूर्ति: भारत में अपनी तरह का अकेला मंदिर
इस मंदिर को विशेष बनाने वाली चीज है हनुमान जी की विशाल और लेटी हुई प्रतिमा, जो करीब 20 फीट लंबी है। इस प्रतिमा में हनुमान जी को विश्राम मुद्रा में लेटा हुआ दर्शाया गया है। ऐसी मान्यता है कि यह मूर्ति स्वयंभू (स्वतः प्रकट) है और इसका अस्तित्व सदियों पुराना है। भक्तों का विश्वास है कि हनुमान जी यहां चिरनिद्रा में नहीं, बल्कि योगनिद्रा में हैं और भक्तों की पुकार सुनते हैं।
इतिहास और मान्यता: क्यों विशेष है यह स्थान
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब रामायण काल में भगवान राम ने समुद्र पार करके लंका विजय के बाद अयोध्या लौटकर राज्याभिषेक किया, तब हनुमान जी थक कर गंगा किनारे विश्राम करने हेतु लेट गए। तभी से यह स्थान उनकी योगनिद्रा का प्रतीक बन गया। इस मंदिर को लेकर यह भी कहा जाता है कि त्रिवेणी संगम के प्रभाव से यह स्थान और भी अधिक शक्तिशाली और पवित्र माना जाता है।
श्रद्धालुओं का विश्वास: दर्शन मात्र से दूर होते हैं संकट
लेटे हनुमान जी के दर्शन के लिए न केवल प्रयागराज बल्कि देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करता है, उसकी सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और जीवन में स्थिरता, स्वास्थ्य और सुख-शांति प्राप्त होती है। हनुमान जयंती या विशेष पर्वों पर यहां हजारों की संख्या में भक्त जुटते हैं और दर्शन कर हनुमान जी से रक्षा और आशीर्वाद की कामना करते हैं।
मंदिर का वातावरण और विशेष आयोजन
गंगा के तट पर स्थित यह मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक वातावरण से परिपूर्ण है। मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजन, भजन-कीर्तन और सुंदरकांड का आयोजन होता है। यहां भक्तगण हनुमान चालीसा का पाठ कर संकटमोचन की कृपा पाने की प्रार्थना करते हैं। यह मंदिर श्रद्धा, शांति और दिव्यता का ऐसा संगम है, जो हर भक्त को आत्मिक संतोष प्रदान करता है।
प्रयागराज का लेटे हनुमान मंदिर एक ऐसा दिव्य स्थल है, जहां भक्तों की आस्था हनुमान जी की अनुपम मूर्ति से जुड़ती है। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अद्वितीय है। अगर आप कभी प्रयागराज जाएं, तो इस मंदिर के दर्शन अवश्य करें और हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त करें।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।