प्रयागराज के प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर में ड्रेस कोड अनिवार्य, श्रद्धालुओं को करना होगा नियमों का पालन

उत्तर प्रदेश के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व से परिपूर्ण प्रयागराज स्थित श्री मनकामेश्वर मंदिर को लेकर एक बड़ा फैसला सामने आया है। मंदिर प्रबंधन समिति ने मंदिर की गरिमा और परंपरा को बनाए रखने के उद्देश्य से ड्रेस कोड लागू करने की घोषणा की है, जिसका पालन अब श्रद्धालुओं को अनिवार्य रूप से करना होगा।
यह निर्णय उस समय लिया गया जब बीते कुछ समय से मंदिर परिसर में अनुशासनहीनता, अनुचित पहनावे और अशोभनीय व्यवहार की शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इसे देखते हुए समिति ने बैठक कर यह ठोस कदम उठाया ताकि मंदिर का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक माहौल सुरक्षित रह सके।
श्रद्धा और मर्यादा का सम्मान: ड्रेस कोड की आवश्यकता क्यों?
श्री मनकामेश्वर मंदिर, न केवल प्रयागराज का बल्कि पूरे उत्तर भारत का एक प्रमुख धार्मिक केंद्र है। यह मंदिर शिवभक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है, जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
हाल के वर्षों में मंदिर में बढ़ती भीड़ के साथ-साथ पहनावे और व्यवहार में ढिलाई को लेकर कई बार विवाद हुए। मंदिर समिति का मानना है कि यह स्थान केवल दर्शनीय स्थल नहीं, बल्कि तप और भक्ति की पावन भूमि है, जहां श्रद्धा, विनम्रता और मर्यादा का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। इसलिए एक सख्त और स्पष्ट ड्रेस कोड लागू करना आवश्यक हो गया था।
क्या रहेगा ड्रेस कोड का नियम?
मंदिर समिति के अनुसार, अब कोई भी व्यक्ति अत्यधिक भड़कीले, छोटे, या आधुनिक पश्चिमी परिधान में मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकेगा। पुरुषों के लिए पारंपरिक धोती, कुर्ता या सादा पैंट-शर्ट उपयुक्त माने जाएंगे, वहीं महिलाओं से अपेक्षा की जाएगी कि वे साड़ी, सलवार-कुर्ता या अन्य भारतीय परिधान में दर्शन करें।
इसके अतिरिक्त, समिति द्वारा मंदिर परिसर में उचित सूचना बोर्ड लगाए जाएंगे जिनमें ड्रेस कोड संबंधी दिशा-निर्देश स्पष्ट रूप से लिखे होंगे। सुरक्षा गार्डों को यह अधिकार दिया गया है कि यदि कोई श्रद्धालु इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे मंदिर में प्रवेश से रोका जा सकता है।
धार्मिक संस्थानों में ड्रेस कोड: एक बढ़ती हुई प्रवृत्ति
यह कोई पहला मौका नहीं है जब किसी प्रमुख मंदिर ने ड्रेस कोड लागू किया हो। देश के कई बड़े तीर्थस्थलों जैसे वैष्णो देवी, तिरुपति बालाजी, कामाख्या मंदिर आदि में भी श्रद्धालुओं के लिए परिधान संबंधी नियम निर्धारित हैं।
इसका उद्देश्य धार्मिक वातावरण को गरिमामय बनाए रखना और भक्तों के मन में देवता तथा मंदिर के प्रति श्रद्धा को और गहरा करना है। मनकामेश्वर मंदिर द्वारा लिया गया यह निर्णय न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि धार्मिक अनुशासन के व्यापक संदर्भ में भी एक सराहनीय पहल है।
प्रयागराज का मनकामेश्वर मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था और सनातन परंपरा का जीवंत प्रतीक है। ड्रेस कोड लागू करके मंदिर समिति ने यह सुनिश्चित किया है कि यहां आने वाले श्रद्धालु न केवल भगवान के दर्शन करें, बल्कि स्वयं को एक शुद्ध, पवित्र और मर्यादित वातावरण का हिस्सा भी मानें। यह निर्णय न केवल मंदिर की गरिमा को बढ़ाएगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी धार्मिक अनुशासन की प्रेरणा देगा।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।