18 मई को राहु का बड़ा गोचर, मंगल से बनेगा षडाष्टक योग — जानिए किन राशियों पर बढ़ेगा दबाव

18 मई 2025 को ग्रहों की चाल में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन होने जा रहा है, जब राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, और उसी समय मंगल कर्क राशि, जो कि उनकी नीच राशि मानी जाती है, में स्थित रहेंगे। इन दोनों ग्रहों की स्थिति एक विशेष और प्रभावशाली योग का निर्माण करेगी, जिसे ज्योतिष शास्त्र में षडाष्टक योग कहा जाता है। यह योग तब बनता है जब दो ग्रहों के बीच छह और आठवें भाव का संबंध होता है।
राहु और मंगल दोनों ही ग्रह क्रूर और उग्र प्रवृत्ति के माने जाते हैं, और जब ये षडाष्टक योग में आते हैं, तो संघर्ष, हिंसा, मानसिक तनाव और अप्रत्याशित घटनाओं की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। वैश्विक स्तर पर यह समय उथल-पुथल भरा रह सकता है, साथ ही कुछ राशियों के लिए यह गोचर विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण रहेगा।
राहु-मंगल षडाष्टक योग से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी ये 3 राशियाँ
इस षडाष्टक योग के कारण राशिचक्र की तीन राशियों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। ये राशियाँ हैं:
1. कर्क राशि:
मंगल आपकी राशि में नीच के होकर स्थित हैं और राहु अष्टम भाव में आएंगे। यह समय शारीरिक कष्ट, पारिवारिक विवाद और मानसिक बेचैनी का कारण बन सकता है। कोई बड़ा निर्णय लेने से पहले गहन विचार करें।
2. कुंभ राशि:
राहु आपकी राशि में प्रवेश कर रहे हैं और मंगल षष्ठ भाव में हैं। यह योग आपके विरोधियों को सक्रिय कर सकता है। कार्यक्षेत्र में बाधाएं, अनावश्यक तनाव और कानूनी उलझनों की संभावना बन सकती है।
3. मीन राशि:
आपकी राशि से राहु का निकलना और मंगल का षडाष्टक संबंध बनाना आर्थिक पक्ष को प्रभावित कर सकता है। निवेश और लेन-देन में सतर्कता जरूरी है। कुछ पुराने रोग भी इस समय उभर सकते हैं।
क्या होता है षडाष्टक योग और क्यों है यह इतना विशेष?
षडाष्टक योग का निर्माण तब होता है जब दो ग्रह राशिचक्र में छहवें और आठवें स्थान पर स्थित हों। यह योग सामान्यतः संघर्ष, असहजता और बाधाओं से जुड़ा होता है। खासकर जब इसमें राहु और मंगल जैसे ग्रह शामिल हों, तो यह योग और भी अधिक प्रभावशाली और तीव्र हो जाता है। ऐसे समय में मनुष्य के जीवन में संघर्ष, दुर्घटनाएं, शत्रु वृद्धि, और मानसिक तनाव जैसी स्थितियाँ देखने को मिल सकती हैं।
उपाय और सुझाव: राहु-मंगल के प्रभाव को कैसे करें कम?
* हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करें।
* मंगलवार और शनिवार को व्रत रखें।
* सिंदूर और लाल फूल हनुमान जी को चढ़ाएं।
* राहु शांति के लिए नीले या काले वस्त्रों का दान करें।
* शत्रु बाधा नाशक स्तोत्र या कवच का पाठ करें।
इस प्रकार, 18 मई को बन रहा राहु और मंगल का यह षडाष्टक योग न केवल ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और वैश्विक घटनाओं को भी प्रभावित कर सकता है। प्रभावित राशियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और उचित उपायों को अपनाकर इस समय को संतुलित किया जा सकता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।