रक्षाबंधन 2025: 9 अगस्त को मनाया जाएगा भाई-बहन के प्रेम का पर्व, जानें श्रावण पूर्णिमा की तिथि, महत्व और शुभ समय

रक्षाबंधन 2025: 9 अगस्त को मनाया जाएगा भाई-बहन के प्रेम का पर्व, जानें श्रावण पूर्णिमा की तिथि, महत्व और शुभ समय
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रक्षाबंधन भारत के प्रमुख और संवेदनशील त्योहारों में से एक है, जो भाई और बहन के अटूट प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के भाव को समर्पित होता है। यह पर्व हर साल श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। पंचांग गणना के अनुसार इस वर्ष श्रावण पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 8 अगस्त 2025, शुक्रवार को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर होगी, जो कि 9 अगस्त शनिवार को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक मान्य रहेगी। चूंकि पूर्णिमा की उदया तिथि 9 अगस्त को पड़ रही है, इसलिए रक्षाबंधन का पर्व इसी दिन मनाया जाएगा।

इस शुभ अवसर पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनके जीवन की लंबी उम्र, सुख और सफलता की कामना करती हैं। वहीं भाई भी अपनी बहनों को सुरक्षा और प्रेम का वचन देते हैं। यह परंपरा सिर्फ राखी तक सीमित नहीं रहती, बल्कि पारिवारिक रिश्तों में मिठास और सहयोग का प्रतीक बन जाती है।

रक्षाबंधन के दिन बहनों द्वारा भाई की आरती उतारना, तिलक करना और फिर रक्षा-सूत्र बांधना एक गूढ़ धार्मिक प्रक्रिया मानी जाती है, जिसमें मंगलकामनाओं और रक्षा की भावना समाहित होती है। वहीं भाई उपहार देकर अपने स्नेह को प्रकट करते हैं। यह पर्व सामाजिक, धार्मिक और पारिवारिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

इस साल रक्षाबंधन पर शुभ योग का निर्माण इसे और भी खास बना रहा है। चूंकि श्रावण पूर्णिमा स्वयं एक अत्यंत पावन तिथि होती है, इसलिए इस दिन का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। इस दिन वेदों के अध्ययन, यज्ञोपवीत संस्कार और दान आदि का भी विशेष पुण्य फल मिलता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन देवताओं ने रक्षा-सूत्र से रक्षित होकर असुरों पर विजय प्राप्त की थी।

रक्षाबंधन 2025 सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि एक भावना है, एक विश्वास है, जो समाज और परिवार में आत्मीयता और परस्पर सम्मान को जीवंत करता है। जब बहनें प्रेम और श्रद्धा से राखी बांधती हैं, तब वह एक धागा मात्र नहीं होता, बल्कि आत्मिक संबंधों का प्रतीक बन जाता है, जो समय, दूरी और परिस्थितियों से परे होता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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