आपदा मित्रों की सूझबूझ से कीर्तन गायक ने जीती जिंदगी की जंग, समय पर दी गई CPR ने बचाई जान
वाराणसी के रामचन्दीपुर गांव में हार्ट अटैक आने पर कीर्तन गायक कोमल यादव को आपदा मित्रों ने दिया जीवनदान; डॉक्टरों ने बताया, 'सही समय पर CPR मिलना जिंदगी बचाने में अहम'

एक इंसान की जान बचाने के लिए कुछ ही मिनट कितने महत्वपूर्ण हो सकते हैं, इसकी मिसाल बनी है चौबेपुर थाना क्षेत्र के रामचन्दीपुर गांव की घटना। यहां सोमवार रात कीर्तन गायक कोमल यादव की जान सिर्फ इसलिए बच पाई क्योंकि गांव के तीन युवा 'आपदा मित्र' सही समय पर सही कदम उठाने में सफल रहे। उनकी इस सूझबूझ और तत्परता ने एक परिवार को टूटने से बचा लिया।
सोमवार देर रात अचानक कोमल यादव को सीने में तेज दर्द और सांस लेने में तकलीफ होने लगी। घबराए परिजनों ने तुरंत गांव के ही आपदा मित्रों – मोहित यादव, महिप यादव और आशीष यादव को सूचना दी। यह तीनों युवा प्रशिक्षित आपदा मित्र हैं, जिन्हें आपातकालीन स्थितियों में प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया गया है।
सूचना मिलते ही तीनों आपदा मित्र तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत पहचान लिया कि यह हार्ट अटैक का लक्षण है और कोमल यादव की हालत गंभीर है। अपने प्रशिक्षण का इस्तेमाल करते हुए, उन्होंने तुरंत CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देना शुरू किया। यही वह निर्णायक कदम साबित हुआ जिसने कोमल यादव के दिल की धड़कन को बनाए रखने और दिमाग तक ऑक्सीजन पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
CPR देने के बाद, उन्होंने कोमल यादव को तत्काल नजदीकी निजी अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें हार्ट अटैक आया था और नसों में खून के थक्के जम गए थे। जल्द इलाज शुरू करके उन थक्कों को दवाओं से ठीक किया गया।
अस्पताल में इलाज के बाद अब कोमल यादव की हालत में सुधार है। भावुक होकर उन्होंने कहा, "मुझे लगा सब खत्म हो गया, लेकिन इन आपदा मित्रों ने मुझे दूसरा जीवन दिया है। अगर ये लड़के समय पर नहीं पहुंचते और CPR नहीं देते, तो आज मैं आपके बीच नहीं होता।"
इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम ने भी इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा, "हार्ट अटैक के मामले में सबसे महत्वपूर्ण गोल्डन आवर होता है। मरीज को समय पर CPR मिलना और तेजी से अस्पताल पहुंचना ही उसकी जान बचा पाया। आपदा मित्रों का प्रशिक्षण आज साबित हो गया।"
इस घटना ने पूरे गांव और आस-पास के इलाकों में आपदा मित्रों के प्रशिक्षण के महत्व को रेखांकित किया है। गांव वाले इन युवाओं को सच्चे हीरो के तौर पर देख रहे हैं और प्रशासन से उन्हें सम्मानित करने की मांग कर रहे हैं। यह घटना साबित करती है कि स्थानीय स्तर पर छोटे प्रशिक्षण भी बड़े-बड़े चमत्कार कर सकते हैं और आम लोग ही आपातकाल में सबसे बड़े मददगार साबित हो सकते हैं।