रामगढ़ के भुचुंगडीह में बंद कोयला खदान में लगी भीषण आग, ग्रामीणों में दहशत

रामगढ़ के भुचुंगडीह में बंद कोयला खदान में लगी भीषण आग, ग्रामीणों में दहशत
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झारखंड के रामगढ़ जिले के भुचुंगडीह पंचायत में सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के रजरप्पा प्रोजेक्ट से सटे एक बंद कोयला खदान में भीषण आग लगने की खबर है। इस आग ने विकराल रूप ले लिया है, जिससे क्षेत्र में जहरीली गैसों का रिसाव हो रहा है और पूरे गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों के सामने पलायन की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

स्थानीय संगठन जेबीकेएसएस (JBKSS) ने सोशल मीडिया पर आग की तस्वीरें साझा करते हुए दावा किया है कि सीसीएल प्रबंधन इस स्थिति को अनदेखा कर रहा है। संगठन ने जिला प्रशासन, रामगढ़ पुलिस, और राज्य सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

जानकारी के अनुसार, भुचुंगडीह पंचायत में छह वर्ष पहले विभिन्न स्थानों पर चल रही अवैध कोयला खदानों के खिलाफ रजरप्पा पुलिस और सीसीएल के सुरक्षाकर्मियों ने संयुक्त अभियान चलाकर इन्हें बंद कर दिया था। माना जा रहा है कि बंद खदान में अवैध खनन की गतिविधियों के कारण यह आग भड़की है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि कोयला खदानों में आग लगने के पीछे अवैध खनन, ऑक्सीजन की उपस्थिति, और कोयले के स्वतःस्फूर्त दहन जैसे कारक हो सकते हैं। भुचुंगडीह में ऊंची-ऊंची लपटें और जहरीली गैसों का रिसाव ग्रामीणों के लिए गंभीर खतरा बन गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि आग के कारण घरों में रहना मुश्किल हो गया है, और कई परिवार सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं।

ग्रामीणों और जेबीकेएसएस ने सीसीएल प्रबंधन पर उदासीनता का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि समय रहते कार्रवाई न होने से स्थिति बेकाबू हो गई है। रामगढ़ के उपायुक्त (डीसी) और पुलिस प्रशासन से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की जा रही है। अभी तक सीसीएल या जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

हाल ही में, मार्च 2025 में वेस्ट बोकारो क्षेत्र में अवैध खनन पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने सुरंगों को बंद किया था।

स्थानीय लोग और संगठन प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि आग पर तुरंत काबू पाया जाए, जहरीली गैसों के प्रभाव को कम किया जाए, और अवैध खनन पर स्थायी रोक लगाई जाए। साथ ही, प्रभावित ग्रामीणों के लिए राहत और पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।

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