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रांची में ई रिक्शा पर सख्ती अब बिना लाइसेंस पर 10 हजार का भारी जुर्माना

ट्रैफिक विभाग ने ऑपरेशन क्लीन के तहत ई रिक्शा चालकों को चेताया बिना लाइसेंस पर 10000 और बिना रजिस्ट्रेशन पर 5000 रुपये तक दंड

रांची में ई रिक्शा पर सख्ती अब बिना लाइसेंस पर 10 हजार का भारी जुर्माना
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रांची में ट्रैफिक विभाग ने शहर की भीड़ और अव्यवस्था को कम करने के लिए ऑपरेशन क्लीन की शुरुआत कर दी है. शुरुआत भले शांत दिखती हो लेकिन संदेश साफ सुना जा सकता है कि अब ई रिक्शा चालकों के लिए बिना लाइसेंस या बिना रजिस्ट्रेशन सड़क पर उतरना बेहद महंगा साबित होगा. पहले दिन की जांच में 15 चालकों को पकड़ा गया और सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ा गया, हालांकि अगली बार सीधा जुर्माना लगेगा.

मोटर वाहन अधिनियम के तहत तय जुर्माने की रकम सुनकर कई चालक सन्न रह गए. बिना ड्राइविंग लाइसेंस ई रिक्शा चलाने पर 10000 रुपये तक का दंड तय है. वाहन रजिस्ट्रेशन न होने पर अलग से 5000 रुपये का जुर्माना लगेगा. मतलब, अगर दोनों दस्तावेज नहीं मिले तो 15000 रुपये तक की राशि भरनी पड़ सकती है. कई चालकों का कहना था कि यह रकम उनके वाहन की कीमत के करीब पहुंच जाती है, ऐसे में डर और चिंता स्वाभाविक है.

ट्रैफिक एसपी राकेश कुमार सिंह ने अभियान को लेकर साफ शब्दों में कहा कि अब किसी तरह की ढील नहीं दी जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि नियम तोड़ने वालों पर पहले की तरह सिर्फ चालान काटना ही नहीं बल्कि मौके पर ही जब्ती की कार्रवाई भी की जाएगी. एक अधिकारी ने बातचीत में कहा कि जब तक चालक सही दस्तावेज दिखाएगा नहीं, वाहन वापस नहीं मिलेगा. उनकी कोशिश है कि शहर की मुख्य सड़कों पर थोड़ी अनुशासन की हवा महसूस हो.

जुर्माने की रकम सार्वजनिक होते ही कई ई रिक्शा चालकों ने अपने दस्तावेज दुरुस्त कराने में दिलचस्पी दिखाई. किसी ने कहा कि इतनी बड़ी राशि जोखिम में डालना समझदारी नहीं है. उधर ट्रैफिक विभाग का मानना है कि कठोर जुर्माना ही वह तरीका है जिससे लोग नियमों को गंभीरता से लेना शुरू करेंगे. शहर की रोजमर्रा की भागदौड़ में ई रिक्शा बड़ी संख्या में चलते हैं और बिना वैध दस्तावेज कई बार सुरक्षा खतरे भी खड़े कर देते हैं.

कई चालक मानते हैं कि नियमों का पालन जरूरी है, हालांकि कुछ ने यह भी महसूस किया कि उन्हें सही प्रक्रिया समझाने के लिए अधिक शिविर या जागरूकता कार्यक्रम रखे जाने चाहिए. प्रशासन की योजना में ऐसी पहल शामिल है, लेकिन अभी जोर सख्ती पर है ताकि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में जल्दी सुधार दिख सके.

आने वाले दिनों में ऑपरेशन क्लीन के तहत नियमित जांच चलेगी. ट्रैफिक विभाग की उम्मीद है कि जब चालकों को जुर्माने की असल कीमत महसूस होगी तब स्थिति खुद ही बदलने लगेगी. रांची के लिए यह अभियान एक तरह से परीक्षा जैसा है, जिसमें नियम और अनुशासन दोनों की जरूरत है. शहर इसे कितना अपनाता है, यह आने वाले हफ्तों में साफ दिखाई देगा.

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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