रांची का तपोवन मंदिर बनेगा 'झारखंड का अयोध्या', भव्य राम मंदिर की तर्ज पर हो रहा पुनर्निर्माण

रांची का तपोवन मंदिर बनेगा झारखंड का अयोध्या, भव्य राम मंदिर की तर्ज पर हो रहा पुनर्निर्माण
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रांची: झारखंड की राजधानी रांची के डोरंडा इलाके में स्थित तपोवन मंदिर अब एक नई पहचान की ओर बढ़ रहा है। लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से इस प्राचीन मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है। यह मंदिर अब अयोध्या के राम मंदिर की भव्यता और स्थापत्य कला की प्रेरणा से नया स्वरूप ग्रहण कर रहा है। मंदिर निर्माण की गति इतनी तीव्र है कि दिन-रात मजदूर इसके निर्माण में जुटे हैं।

मंदिर में कुल 13 अलौकिक शिखर बनाए जा रहे हैं, जो आकाश को छूते प्रतीत होंगे, वहीं परिसर में 117 पवित्र शिलाओं की स्थापना की जाएगी, जो इसे पावनता और दिव्यता से भर देंगी। यह परियोजना सिर्फ स्थापत्य की दृष्टि से नहीं, बल्कि राज्य के सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन में नया अध्याय लिखने जा रही है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद विधिवत पूजा-पाठ के साथ मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी थी। उनके इस कदम को झारखंड की धार्मिक चेतना और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के तौर पर देखा जा रहा है। सीएम की उपस्थिति ने इस पुनर्निर्माण कार्य को एक सरकारी समर्थन और सामाजिक स्वीकृति का संकेत भी दिया है।

तपोवन मंदिर के महंत ओमप्रकाश जी ने बताया कि यह स्थान ऐतिहासिक रूप से तपस्यास्थली रहा है, जहां संत-महात्मा आत्मचिंतन और साधना में लीन रहते थे। यही कारण है कि इसका नाम 'तपोवन' पड़ा। उन्होंने बताया कि यह मंदिर न केवल श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि राज्य के आध्यात्मिक पर्यटन को भी प्रोत्साहन देगा।

भविष्य में जब यह मंदिर पूर्ण रूप ले लेगा, तो यह रांची ही नहीं, बल्कि पूरे झारखंड के लिए एक नई धार्मिक पहचान बन जाएगा। स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ-साथ अन्य राज्यों से आने वाले रामभक्तों और पर्यटकों के लिए भी यह स्थल एक प्रमुख आकर्षण केंद्र बन सकता है।

इतिहास, आध्यात्म और वास्तुकला के इस अनूठे संगम को लेकर लोगों में उत्साह भी चरम पर है। यह मंदिर झारखंड के लिए सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि गौरव और संस्कृति की भव्य प्रस्तुति बनने जा रहा है।

तपोवन मंदिर का यह कायाकल्प न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि यह पूरे राज्य की सांस्कृतिक छवि को भी सशक्त करेगा। अयोध्या के राम मंदिर की भव्यता की झलक अब झारखंड में भी देखने को मिलेगी — और यह झलक अब कुछ वर्षों में यथार्थ बनकर सामने आने वाली है।

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