शनि प्रदोष व्रत 4 अक्टूबर 2025: शनि महादशा और साढ़ेसाती से मुक्ति का शुभ अवसर, जानें खास उपाय

शनि प्रदोष व्रत का महत्व
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष स्थान है, और जब यह व्रत शनिवार के दिन आता है तो इसे शनि प्रदोष कहा जाता है। यह दिन भगवान शिव और शनि देव की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में चल रहे शनि के दुष्प्रभाव, महादशा और साढ़ेसाती के कष्ट काफी हद तक दूर हो जाते हैं। 4 अक्टूबर 2025, शनिवार को आने वाला यह व्रत उन सभी भक्तों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो शनि दोष से पीड़ित हैं।
शनि महादशा और साढ़ेसाती से राहत का दिन
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि महादशा और साढ़ेसाती व्यक्ति के जीवन में संघर्ष, आर्थिक हानि, स्वास्थ्य समस्याओं और मानसिक तनाव का कारण बनती है। परंतु शनि प्रदोष का दिन विशेष रूप से इन कष्टों से मुक्ति पाने का अवसर देता है। इस दिन भगवान शिव और शनि देव की आराधना करने से व्यक्ति को जीवन की कठिनाइयों से निजात मिलती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
4 अक्टूबर 2025 को शनि प्रदोष व्रत
इस साल 4 अक्टूबर 2025 शनिवार को शनि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन शाम के समय जब प्रदोषकाल होता है, तब भगवान शिव और शनि देव की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। मान्यता है कि प्रदोषकाल में की गई प्रार्थना शीघ्र ही भगवान तक पहुंचती है और साधक को उसके पापों से मुक्ति दिलाती है।
शनि प्रदोष व्रत की विधि
1. सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और दिनभर व्रत रखें।
2. संध्या के समय प्रदोषकाल में भगवान शिव का अभिषेक करें और शनि देव का पूजन करें।
3. शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद और बेलपत्र अर्पित करें।
4. शनि देव को काले तिल, सरसों का तेल और उड़द की दाल चढ़ाएं।
5. “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।
शनि दोष निवारण के अचूक उपाय
* शनि प्रदोष के दिन जरूरतमंदों को काले वस्त्र, तेल और लोहे की वस्तुएं दान करें।
* पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं और उसकी परिक्रमा करें।
* काले कुत्ते या गाय को रोटी खिलाना भी शुभ माना जाता है।
* शनि स्तोत्र या शनि चालीसा का पाठ करें।
* भगवान हनुमान की पूजा करने से भी शनि की पीड़ा कम होती है।
4 अक्टूबर 2025 का शनि प्रदोष व्रत भक्तों के लिए शनि देव को प्रसन्न करने और उनके दुष्प्रभावों से मुक्ति पाने का सर्वोत्तम अवसर है। इस दिन यदि श्रद्धा और विधिपूर्वक पूजा की जाए तो शनि महादशा और साढ़ेसाती जैसी कठिन परिस्थितियों का असर कम हो सकता है और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।