शनिवार को शनि देव के चरणों में क्यों चढ़ाया जाता है तेल? जानें धार्मिक महत्व और इसके पीछे की मान्यता

हिंदू धर्म में शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। यह दिन विशेष रूप से न्याय के देवता कहे जाने वाले शनि महाराज की उपासना के लिए जाना जाता है। भक्त इस दिन शनि मंदिरों में जाकर उनकी विशेष पूजा करते हैं, दीप जलाते हैं और तेल अर्पण करते हैं। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर क्यों शनिदेव के चरणों में तेल चढ़ाने की परंपरा है? इसके पीछे केवल एक धार्मिक मान्यता नहीं, बल्कि गहरे आध्यात्मिक और व्यवहारिक कारण भी छिपे हुए हैं।
तेल अर्पण की परंपरा: पौराणिक कथा और आस्था
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शनिदेव सूर्य पुत्र और कर्मफल दाता माने जाते हैं। वे व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार दंड या पुरस्कार देते हैं। शनिदेव का स्वभाव क्रोधित और न्यायप्रिय है, इसीलिए उनकी दृष्टि से लोग भयभीत रहते हैं।
ऐसी मान्यता है कि शनिदेव जब किसी व्यक्ति से नाराज होते हैं, तो उसके जीवन में कठिनाइयां, रोग, धनहानि और बाधाएं बढ़ जाती हैं। इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं। तेल चढ़ाना एक प्रमुख उपाय है। कहा जाता है कि तेल चढ़ाने से शनिदेव की दृष्टि शांत होती है और वे कृपा करते हैं। खासकर सरसों या तिल के तेल का प्रयोग करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
तेल और शनिदेव का संबंध: वैज्ञानिक और व्यवहारिक पक्ष
धार्मिक मान्यताओं के अलावा यदि इसके पीछे के वैज्ञानिक कारणों को देखें, तो शनिदेव का संबंध 'काले रंग' और 'लोहे' से जोड़ा जाता है। तेल, विशेष रूप से सरसों या तिल का, शनि की इस प्रकृति से मेल खाता है। इसके अलावा, तेल में 'शीतलता' और 'स्नेह' दोनों का गुण होता है, जो क्रोध और उग्रता को शांत करता है। इसीलिए शनिदेव को तेल अर्पण करने से उनकी तीव्र दृष्टि को शांत किया जा सकता है।
वहीं, व्यवहारिक रूप में भी तेल अर्पण करते समय भक्त का मन शांत और एकाग्र होता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
शनिवार को तेल अर्पण करने से मिलते हैं ये लाभ
1. शनि दोष से राहत: कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो तो तेल अर्पण से शांति मिलती है।
2. कारोबार में उन्नति: जो लोग व्यापार या नौकरी में रुकावट का सामना कर रहे हों, उन्हें यह उपाय विशेष लाभ देता है।
3. रोगों से मुक्ति: विशेष रूप से हड्डी, नस और गठिया जैसी बीमारियों में राहत मिलती है।
4. न्याय की प्राप्ति: अन्याय, मुकदमा या कर्ज जैसी समस्याओं से निजात मिलती है।
कैसे करें शनिदेव को तेल अर्पण
शनिवार के दिन सुबह स्नान कर साफ वस्त्र पहनें और शनि मंदिर जाएं। वहां शनिदेव की मूर्ति या चरणों में सरसों का तेल अर्पित करें। दीपक जलाकर 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' मंत्र का जाप करें। तेल अर्पण करते समय मन में क्षमा याचना और शुद्ध भावना होनी चाहिए।
शनिवार को शनि देव के चरणों में तेल चढ़ाना केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि वह माध्यम है जिससे हम अपनी गलतियों की क्षमा मांगते हैं और शनिदेव की कृपा प्राप्त करते हैं। यह परंपरा आस्था, विज्ञान और साधना—तीनों का संगम है। यदि श्रद्धा और विधिपूर्वक किया जाए तो यह उपाय जीवन की कई समस्याओं को दूर करने में कारगर सिद्ध हो सकता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।