श्रवण और पायल जैन ने अपनी शादी की सिल्वर जुबली पर किया बड़ा काम, 26 ग़रीब परिवारों को दी जीवन भर की खुशिया

रांची: रांची के श्रवण और पायल जैन ने अपनी शादी की 25वीं सालगिरह पर एक अनोखा कदम उठाया, जो आज भी सभी के दिलों में छाया हुआ है। इस खास मौके पर उन्होंने 26 जोड़ों की शादी एक साथ आयोजित की, जिससे इन जोड़ों की ज़िंदगी में खुशियाँ आईं और एक नई शुरुआत की ओर कदम बढ़ाए गए।
रांची के गोल्डन बैंक्वेट हॉल में एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जहां 26 जोड़े अपने नए जीवन की शुरुआत कर रहे थे। ये शादी सिर्फ रिवाज नहीं थी, बल्कि उन सपनों का पूरा होना था, जिन्हें इन जोड़ों ने कभी देखा नहीं था। इस मौके पर इन सभी दुल्हन और दूल्हों को वह सारी चीज़ें दी गईं, जो एक पिता अपनी बेटी को विदा करते वक्त देना चाहता है—कपड़े, घरेलू सामान, और जीवन की बुनियादी जरूरतें।
इन 26 जोड़ों में एक श्रमिक, मैकेनिक, ड्राइवर, सिक्योरिटी गार्ड और छोटे-मोटे मजदूर भी शामिल थे। दूल्हा-दुल्हन के चेहरे पर खुशी के आंसू और आशीर्वादों के बीच उनकी आँखों में जो चमक थी, वह किसी सपने से कम नहीं थी। मंत्रों के उच्चारण और बैंड की धुनों के बीच, ये जोड़े अपने जीवन के सबसे खास दिन का जश्न मना रहे थे।
इस खास मौके पर राज्य के कई नेता, मंत्री, और राज्यसभा के सदस्य भी मौजूद थे। उन्होंने इन जोड़ों को आशीर्वाद दिया और समाज में एकता का संदेश दिया। इन सभी ने बताया कि वे कभी नहीं सोच सकते थे कि उनकी शादी इतनी भव्य होगी, और यह भी रांची के इस शानदार स्थल पर इतनी बड़ी संख्या में सम्पन्न होगी।
"हम लोग श्रवण जी और पायल जी के बहुत करीब हैं। उन्होंने हमें एक नई दिशा दिखाई है, जिससे हम सभी के जीवन में खुशियाँ आईं," एक नवविवाहित जोड़े के सदस्य ने बताया।
श्रवण और पायल ने इस आयोजन के जरिए यह संदेश दिया कि अगर आप सक्षम हैं, तो समाज के लिए कुछ अच्छा करना कहीं अधिक महत्वपूर्ण है, बजाय इसे बेमानियों में खर्च करने के।
श्रवण और पायल ने अपने सामाजिक कार्यों से हमेशा दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश की है, और आज उनकी इस पहल से वे 26 जोड़ों के लिए एक नई आशा की किरण बन गए।
"हमारे समाज को यह संदेश देना बहुत महत्वपूर्ण है कि विवाह के आयोजन में खर्च कम किया जाए और कुछ ऐसा किया जाए जिससे किसी जरूरतमंद का जीवन आसान हो," श्रवण जी ने कहा।
यह एक प्रेरणादायक कदम था, जो न सिर्फ एक बड़ा सामाजिक कार्य था, बल्कि यह रांची की प्रगति और भाईचारे का भी प्रतीक बन चुका है।