भरणी नक्षत्र में शुक्र का प्रवेश 13 जून से, कुछ राशियों पर बरसेगा धन-संपदा और वैभव का वरदान

इस वर्ष 13 जून की रात को शुक्र ग्रह एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय परिवर्तन करने जा रहे हैं, जब वे अपने ही नक्षत्र — भरणी — में प्रवेश करेंगे। यह गोचर रात 9 बजकर 21 मिनट पर होगा और विशेष रूप से कुछ राशियों के जीवन में सौंदर्य, प्रेम, सुख और ऐश्वर्य की नई लहर लेकर आएगा। चूंकि भरणी नक्षत्र स्वयं शुक्र ग्रह के स्वामित्व में आता है, इसलिए इस नक्षत्र में उनका प्रवेश "स्वनक्षत्र गोचर" कहलाता है, जो अत्यंत शुभ और प्रभावशाली माना जाता है।
भरणी नक्षत्र का संबंध जीवन की शक्ति, यौन ऊर्जा, रचनात्मकता, भोग-विलास और आत्मिक परिवर्तन से होता है। जब शुक्र जैसे प्रेम, कला, धन और विलास के प्रतीक ग्रह इस नक्षत्र में आते हैं, तो उनके प्रभाव और भी गहन और विशेष हो जाते हैं। यह समय उन लोगों के लिए बेहद शुभ रहेगा, जो सौंदर्य व्यवसाय, फैशन, कला, संगीत, फिल्म या डेकोरेशन से जुड़े हुए हैं। साथ ही वैवाहिक जीवन, प्रेम संबंध और आर्थिक स्थिति में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
13 जून से 26 जून तक शुक्र भरणी नक्षत्र में रहेंगे और इस अवधि में उनके प्रभाव से कुछ राशियों को विशेष लाभ मिलने के संकेत हैं। इस दौरान प्रेम-प्रसंगों में सफलता, आर्थिक योजनाओं में प्रगति और पारिवारिक जीवन में मधुरता का अनुभव होगा। जो लोग विवाह की योजना बना रहे हैं, उनके लिए भी यह समय अनुकूल सिद्ध हो सकता है। स्त्रियों के लिए यह गोचर सुंदरता और आकर्षण को बढ़ाने वाला साबित हो सकता है, वहीं पुरुषों के लिए यह समय भावनात्मक संबंधों में स्थिरता और संतुलन लाने का कार्य करेगा।
भरणी में शुक्र का यह गोचर न केवल भौतिक सुख-सुविधाओं में बढ़ोत्तरी लाता है, बल्कि आत्मिक संतुलन और जीवन के प्रति एक नई दृष्टि भी प्रदान करता है। इस अवधि में ध्यान, कला या आध्यात्मिक साधना से जुड़े प्रयासों में भी सफलता मिल सकती है। यह भी माना जाता है कि भरणी में शुक्र का गोचर जीवन की जड़ता को समाप्त करता है और नई ऊर्जा प्रदान करता है।
26 जून को शुक्र कृतिका नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, जिससे प्रभावों की प्रकृति बदल जाएगी। इसलिए 13 से 26 जून तक का समय शुक्र की कृपा पाने के लिए उपयुक्त है। इस दौरान शुक्रवार के दिन लक्ष्मी पूजन करना, इत्र, चांदी, वस्त्र और सुगंधित चीजों का दान करना विशेष लाभकारी माना गया है।
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