शुक्रवार का दिन क्यों है मां लक्ष्मी और शुक्र ग्रह को समर्पित? जानिए इसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

शुक्रवार का दिन क्यों है मां लक्ष्मी और शुक्र ग्रह को समर्पित? जानिए इसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
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भारतीय संस्कृति में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता या ग्रह के अधिपत्य में होता है। ऐसे में शुक्रवार एक ऐसा दिन है जिसे मां लक्ष्मी और शुक्र ग्रह से जोड़कर देखा जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि ज्योतिष के लिहाज से भी अत्यंत खास होता है। जहां मां लक्ष्मी को धन, ऐश्वर्य, सुख-संपत्ति और समृद्धि की देवी माना गया है, वहीं शुक्र ग्रह भी जीवन के इन्हीं पहलुओं का कारक होता है — जैसे प्रेम, सौंदर्य, विलासिता और कला।

शुक्रवार का धार्मिक पक्ष: मां लक्ष्मी की आराधना का दिन

शास्त्रों में वर्णित है कि शुक्रवार के दिन विधिपूर्वक मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में दरिद्रता का नाश होता है और घर में स्थायी सुख-समृद्धि का वास होता है। विशेष रूप से इस दिन सफेद वस्त्र, खीर, कमल पुष्प, और चावल का उपयोग कर लक्ष्मी पूजन किया जाता है। गृहिणियाँ विशेष रूप से घर को सजाकर दीप जलाती हैं ताकि लक्ष्मीजी का स्वागत हो सके।

मान्यता यह भी है कि जो भक्त शुक्रवार के दिन व्रत रखकर मां लक्ष्मी की स्तुति करते हैं, उन्हें जीवन में कभी आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ता। यही कारण है कि कई घरों में हर शुक्रवार को नियमित पूजा की परंपरा होती है।

ज्योतिषीय दृष्टि से क्यों खास है शुक्रवार?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्रवार का स्वामी ग्रह शुक्र (Venus) होता है, जो भोग, विलास, सौंदर्य, संगीत, प्रेम और धन का प्रतीक है। शुक्र ग्रह की स्थिति व्यक्ति के जीवन की भौतिक सुख-सुविधाओं को प्रभावित करती है। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र मजबूत होता है, वे जीवन में कलात्मक, प्रेमपूर्ण और ऐश्वर्यशाली होते हैं।

शुक्रवार को यदि शुक्र से संबंधित उपाय किए जाएं — जैसे की चांदी का दान, सफेद वस्त्र धारण करना, इत्र या खुशबू का प्रयोग — तो शुक्र ग्रह मजबूत होता है और जीवन में शुभ फल मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी होता है जो कला, अभिनय, संगीत, फिल्म, फैशन या डिजाइनिंग क्षेत्र से जुड़े होते हैं।

शुक्रवार को क्या करना है शुभ और किन बातों से बचें

शुक्रवार के दिन सफेद वस्तुएँ जैसे चावल, दूध, दही, वस्त्र आदि का दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन गरीबों को मीठा भोजन, सौंदर्य प्रसाधन या वस्त्र दान करने से शुक्र ग्रह का शुभ प्रभाव बढ़ता है। साथ ही माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

हालांकि इस दिन कड़वे, तीखे और गरिष्ठ भोजन से परहेज़ करना चाहिए और अनावश्यक क्रोध, झगड़े या वाणी में कठोरता से बचना चाहिए, क्योंकि इससे शुक्र का प्रभाव नकारात्मक हो सकता है। स्वच्छता, सादगी और विनम्रता इस दिन के मूल तत्व हैं।

शुक्रवार सिर्फ सप्ताह का एक सामान्य दिन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है। यह दिन मां लक्ष्मी की उपासना के लिए और शुक्र ग्रह के संतुलन हेतु आदर्श माना जाता है। यदि सही विधि से पूजन और व्रत किया जाए तो यह दिन न केवल आर्थिक रूप से, बल्कि मानसिक और पारिवारिक शांति के लिए भी वरदान साबित हो सकता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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