सोमवार को करें शिव-शक्ति की उपासना, जानिए पूजन की पूरी विधि और व्रत से मिलने वाले अद्भुत फल

सोमवार को करें शिव-शक्ति की उपासना, जानिए पूजन की पूरी विधि और व्रत से मिलने वाले अद्भुत फल
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सनातन धर्म में सप्ताह के प्रत्येक दिन का एक विशेष महत्व होता है, और सोमवार का दिन विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित माना गया है। इस दिन उपासना करने से जीवन की अनेक कठिनाइयाँ स्वतः दूर हो जाती हैं और आध्यात्मिक उन्नति के साथ सांसारिक लाभ भी प्राप्त होते हैं। अगर आप भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो सोमवार का व्रत आपके लिए अत्यंत प्रभावी उपाय है।

प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में लें व्रत का संकल्प

सोमवार के दिन शुभ फल की प्राप्ति हेतु आवश्यक है कि सूर्योदय से पूर्व उठकर शुद्ध होकर व्रत का संकल्प लें। यह संकल्प मौन रूप से या धीमे स्वर में मन में लिया जा सकता है, जिसमें आप भगवान शिव और माता पार्वती से व्रत की सफलता की कामना करते हैं। इसके बाद अपने निकटतम शिवालय में जाकर विधिवत पूजा करना शुभ माना जाता है।

पूजा की विधि: शिवलिंग पर करें गंगाजल अभिषेक

शिव मंदिर पहुंचकर सबसे पहले शिवलिंग का शुद्ध जल या गंगाजल से अभिषेक करें। इसके पश्चात फल, फूल, बेलपत्र, धतूरा, अक्षत (चावल) और सफेद चंदन अर्पित करें। पूजा के दौरान लगातार मन ही मन ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहें। यह पंचाक्षरी मंत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इसकी ऊर्जा साधक को शांति, स्थिरता और सकारात्मकता प्रदान करती है।

शिव-पार्वती की संयुक्त पूजा से मिलती है विशेष कृपा

सिर्फ भगवान शिव की नहीं, बल्कि माता पार्वती की भी साथ में पूजा करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है। यह पूजा दांपत्य जीवन में मधुरता लाती है और वैवाहिक सुख की प्राप्ति में सहायक होती है। जो अविवाहित हैं, उन्हें योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति और जिनके जीवन में बाधाएं हैं, उन्हें शांति और समाधान मिलता है।

पापों से मुक्ति और जीवन के हर क्षेत्र में लाभ

धार्मिक मान्यता है कि सोमवार के दिन श्रद्धा और विश्वास से भगवान शिव की आराधना करने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही, जीवन के हर क्षेत्र—चाहे वह स्वास्थ्य हो, करियर, संतान सुख या मानसिक शांति—में विशेष सकारात्मक परिवर्तन देखा जाता है। कई श्रद्धालु इस दिन उपवास रखते हैं और केवल फलाहार या एक समय भोजन कर व्रत का पालन करते हैं।

सोमवार का व्रत है आस्था, संयम और साधना का प्रतीक

सोमवार का दिन केवल एक पूजा विधि नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और ईश्वरीय शक्ति से जुड़ने का विशेष अवसर है। भगवान शिव की कृपा से भक्त न केवल सांसारिक कष्टों से मुक्ति पाते हैं, बल्कि आत्मिक विकास की ओर भी अग्रसर होते हैं। इसलिए यदि आप अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन चाहते हैं, तो सोमवार का व्रत और शिव पार्वती की आराधना अवश्य करें।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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