15 जून को सूर्य होंगे मिथुन राशि में प्रविष्ट, जानें ज्योतिष के अनुसार इसका क्या प्रभाव होगा आपके जीवन पर

वेदिक ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को देवताओं के राजा और आत्मबल, तेज, सेहत और मान-सम्मान का प्रतीक माना गया है। सूर्य के गोचर से हर बार राशियों के स्वभाव और प्रभाव में परिवर्तन आता है। इस वर्ष 15 जून 2025 को सूर्य देव वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। यह गोचर लगभग 30 दिनों तक प्रभावी रहेगा और इसका असर सभी 12 राशियों पर अलग-अलग ढंग से देखने को मिलेगा।
सूर्य गोचर का ज्योतिषीय महत्व
सूर्य का एक राशि में प्रवास सामान्यतः एक महीने का होता है। यह समय उन लोगों के लिए विशेष होता है जिनकी कुंडली में सूर्य की स्थिति प्रबल या अशुभ भाव में हो। सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति की शारीरिक ऊर्जा, आत्मविश्वास, यश, प्रतिष्ठा और नेतृत्व क्षमता पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि सूर्य की स्थिति मजबूत हो, तो जातक समाज में ऊँचाई पर पहुँच सकता है और नेतृत्व के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
मिथुन राशि में सूर्य का प्रवेश: क्या बदलेगा आपके लिए?
15 जून को जब सूर्य देव मिथुन राशि में गोचर करेंगे, तो यह परिवर्तन विशेष तौर पर उन राशियों के लिए महत्वपूर्ण होगा जिनकी कुंडली में मिथुन, कन्या, मकर या कर्क राशि पर सूर्य की दृष्टि पड़ेगी। मिथुन राशि का स्वामी बुध होता है, और जब सूर्य यहां प्रवेश करता है, तो बुद्धि, संवाद क्षमता, निर्णय लेने की ताकत और पेशेवर जीवन में गतिशीलता आती है।
वहीं वृषभ राशि से सूर्य के निकलने के बाद कुछ राशियों को राहत मिल सकती है, वहीं कुछ के लिए यह बदलाव सतर्कता का संकेत हो सकता है।
सूर्य का प्रभाव: स्वास्थ्य और मान-सम्मान पर असर
ज्योतिष के अनुसार, सूर्य ग्रह व्यक्ति की सेहत, आत्मबल और प्रसिद्धि का द्योतक है। इस गोचर के दौरान उन लोगों को विशेष लाभ मिल सकता है जो सरकार, प्रशासन, सेना या नेतृत्व से जुड़े क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। वहीं कमजोर सूर्य वाले जातकों को इस समय अपने स्वास्थ्य और प्रतिष्ठा को लेकर सतर्क रहना चाहिए।
कुंडली में अगर सूर्य शुभ भाव में है, तो यह गोचर आपके लिए सौभाग्य लेकर आ सकता है। लेकिन यदि सूर्य नीच या पाप ग्रहों से पीड़ित है, तो उपाय करना आवश्यक होगा।
15 जून 2025 को सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश के साथ ही ज्योतिषीय दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कालखंड शुरू होगा, जो जीवन के कई पहलुओं — विशेषकर स्वास्थ्य, प्रतिष्ठा और करियर — को प्रभावित करेगा। अगर आप अपने ऊपर सूर्य के प्रभाव को लेकर चिंतित हैं, तो इस दौरान सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें, तांबे के बर्तन में जल अर्पित करें और आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।