सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण 2027: 6 मिनट से अधिक रहेगा दिन में अंधेरा, जानें कहां-कहां दिखेगा ये अद्भुत खगोलीय नजारा

सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण 2027: 6 मिनट से अधिक रहेगा दिन में अंधेरा, जानें कहां-कहां दिखेगा ये अद्भुत खगोलीय नजारा
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खगोल विज्ञान के इतिहास में आने वाला साल 2027 बेहद खास साबित होने वाला है, क्योंकि इसी वर्ष 2 अगस्त को एक ऐसा पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) लगने जा रहा है, जो 21वीं सदी का सबसे लंबा ग्रहण माना जा रहा है। इस दौरान सूर्य पूरी तरह से चंद्रमा की छाया में आ जाएगा और पृथ्वी पर दिन के उजाले में भी अंधेरा छा जाएगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह ग्रहण लगभग 6 मिनट 23 सेकंड तक चलेगा, जो कि आधुनिक युग में बेहद दुर्लभ दृश्य है।


2 अगस्त 2027 को कब और कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण

यह महा सूर्य ग्रहण एशिया, अफ्रीका और यूरोप के कई हिस्सों में दिखाई देगा। भारत में भी इसे आंशिक रूप से देखने का अवसर मिलेगा। ग्रहण का अधिकतम प्रभाव उत्तरी अफ्रीका और अरब प्रायद्वीप के कुछ क्षेत्रों में होगा, जहां सूर्य लगभग पूरी तरह से ढक जाएगा। वहीं, स्पेन, सऊदी अरब, मिस्र और यमन जैसे देशों में यह अद्भुत दृश्य पूर्ण रूप से देखा जा सकेगा।


भारत के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों में यह ग्रहण आंशिक रूप से नजर आएगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, भारत में सूर्यास्त के करीब यह दृश्य देखने को मिलेगा, जब सूर्य का एक बड़ा हिस्सा चंद्रमा से ढक जाएगा और आसमान में हल्का अंधकार छा जाएगा।


कितना लंबा रहेगा यह ग्रहण?

इस बार का सूर्य ग्रहण लगभग 6 मिनट 23 सेकंड तक चलेगा। यह अवधि इतनी लंबी होगी कि कई जगहों पर ऐसा महसूस होगा मानो दिन अचानक रात में बदल गया हो। खगोलविदों का कहना है कि 2009 के बाद यह पहला मौका होगा जब सूर्य इतनी लंबी अवधि तक पूरी तरह से अदृश्य रहेगा।

गौरतलब है कि इससे पहले 22 जुलाई 2009 को ऐसा ही अद्भुत ग्रहण लगा था, जो 6 मिनट 39.5 सेकंड तक चला था। अब करीब 18 साल बाद, एक बार फिर वैसा ही ऐतिहासिक दृश्य मानवता देखने वाली है।


वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण खगोलीय घटना

सूर्य ग्रहण न केवल धार्मिक रूप से बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान सूर्य के बाहरी वायुमंडल यानी कोरोना (Corona) का अध्ययन किया जा सकता है, जो सामान्य परिस्थितियों में नजर नहीं आता। वैज्ञानिक इस अवसर का उपयोग सूर्य की ऊर्जा, विकिरण और वातावरण के तापमान पर प्रभाव का अध्ययन करने के लिए करेंगे।


धार्मिक मान्यताएं और सावधानियां

हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण को अत्यंत विशेष घटना माना जाता है। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान किए गए मंत्र जाप और ध्यान का फल कई गुना बढ़ जाता है। हालांकि इस समय भोजन, पानी और पूजा से बचना चाहिए। ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान और दान करने की परंपरा शास्त्रों में वर्णित है।


2 अगस्त 2027 का सूर्य ग्रहण मानव सभ्यता के लिए एक बार फिर दुर्लभ खगोलीय चमत्कार लेकर आएगा। 21वीं सदी के इस सबसे लंबे ग्रहण के दौरान दुनिया के कई हिस्सों में दिन में ही रात जैसा दृश्य देखने को मिलेगा। ऐसे में खगोलशास्त्री और आम जन दोनों ही इस अद्भुत क्षण के साक्षी बनने को उत्सुक हैं।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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