मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर मनाई जाएगी त्रिपुर भैरवी जयंती: 4 दिसंबर को बनेगा शुभ रवि योग, पूजा से मिलेगी शक्ति और सफलता

त्रिपुर भैरवी जयंती कब और क्यों होती है?
हर वर्ष मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन देवी त्रिपुर भैरवी की जयंती श्रद्धा और विधि-विधान के साथ मनाई जाती है। मां भैरवी तंत्र परंपरा की दशमहाविद्याओं में शामिल हैं और उन्हें शक्ति, साहस और विजय की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस पावन दिन पर मां की आराधना करने से व्यक्ति को कठिन परिस्थितियों में बल मिलता है, शत्रुओं पर साधारण से प्रयास में विजय प्राप्त होती है और करियर में स्थिरता तथा प्रगति का मार्ग खुलता है। मानसिक भय, असुरक्षा और नकारात्मक ऊर्जा भी मां भैरवी की कृपा से दूर होती है।
पूर्णिमा तिथि और त्रिपुर भैरवी जयंती का निर्धारण
इस वर्ष मार्गशीर्ष पूर्णिमा की शुरुआत 4 दिसंबर सुबह 08:37 बजे से होगी। यह तिथि अगले दिन 5 दिसंबर प्रातः 04:43 बजे तक बनी रहेगी। पंचांग के अनुसार, इस बार उदयातिथि उपलब्ध नहीं है, इसलिए जयंती का पर्व चंद्रोदय के आधार पर निर्धारित किया गया है। इसी कारण त्रिपुर भैरवी जयंती 4 दिसंबर, गुरुवार के दिन मनाई जाएगी। तिथि निर्धारण के इस सिद्धांत का पालन शास्त्रों में वर्णित नियमों के अनुसार किया जाता है, जिसके आधार पर चंद्रोदय वाले दिन को ही पर्व का वास्तविक दिन माना जाता है।
इस साल बनेगा शुभ रवि योग, पूजा का महत्व बढ़ा
त्रिपुर भैरवी जयंती पर इस बार रवि योग का संयोग भी बन रहा है, जिसे बेहद शुभ माना गया है। रवि योग में की गई साधना और पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है। इस योग में प्रत्येक शुभ कार्य को सफलता का वरदान मिलता है। भक्तों का विश्वास है कि इस दिन मां त्रिपुर भैरवी की आराधना करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और व्यक्ति के मार्ग में आ रही बाधाएं अचानक समाप्त होने लगती हैं।
त्रिपुर भैरवी जयंती पर पूजा का विशेष फल
त्रिपुर भैरवी देवी की पूजा में सामान्य रूप से लाल वस्त्र, लाल पुष्प, दीपक, कुमकुम और नैवेद्य चढ़ाया जाता है। विशेष रूप से इस दिन मां का ध्यान, भैरवी मंत्रों का जाप और हवन अत्यंत शुभ माना जाता है। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार त्रिपुर भैरवी की कृपा से—
* शत्रु शांत होते हैं
* करियर की रुकावटें दूर होती हैं
* मानसिक तनाव और भय समाप्त होता है
* आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता बढ़ती है
* जीवन में आर्थिक और पारिवारिक स्थिरता आती है
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।
