तुला संक्रांति 2025: सूर्य देव का राशि परिवर्तन बदलेगा किस्मत का समीकरण, जानें किन राशियों पर पड़ेगा असर

तुला संक्रांति 2025: सूर्य देव का राशि परिवर्तन बदलेगा किस्मत का समीकरण, जानें किन राशियों पर पड़ेगा असर
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सूर्य देव के गोचर से बदलेंगे भाग्य के संकेत

हिंदू पंचांग के अनुसार, दिवाली से ठीक पहले सूर्य देव कन्या राशि को छोड़कर तुला राशि में प्रवेश करने वाले हैं, जिसे तुला संक्रांति कहा जाता है। यह संक्रांति वर्ष का एक महत्वपूर्ण खगोलीय परिवर्तन मानी जाती है क्योंकि सूर्य देव सभी ग्रहों के राजा और आत्मबल के कारक माने गए हैं। इनके गोचर का सीधा प्रभाव व्यक्ति के स्वास्थ्य, आत्मविश्वास, सम्मान, करियर और धन की स्थिति पर पड़ता है।

सूर्य ग्रह का राशि परिवर्तन और उसका ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य किसी राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहा जाता है। यह परिवर्तन 12 बार होता है, परंतु तुला संक्रांति का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि तुला सूर्य की नीच राशि मानी जाती है। इस स्थिति में सूर्य की शक्ति कुछ कम होती है, जिससे कई राशियों को सावधानी बरतनी पड़ती है, जबकि कुछ को अप्रत्याशित लाभ के योग प्राप्त होते हैं।

किन राशियों के लिए रहेगा लाभकारी समय

सूर्य देव का तुला राशि में गोचर मिथुन, सिंह, धनु और मीन राशि वालों के लिए शुभ परिणाम लेकर आ सकता है। इन जातकों को कार्यक्षेत्र में सम्मान, नई उपलब्धियों और आर्थिक स्थिरता प्राप्त हो सकती है। रुके हुए कार्य पूरे होंगे और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। वहीं, विद्यार्थियों और सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे लोगों को सफलता के संकेत मिलेंगे।


किन राशियों को रहना होगा सतर्क

दूसरी ओर, कर्क, कन्या, तुला और मकर राशि के जातकों को इस गोचर के दौरान थोड़ा सावधान रहना चाहिए। सूर्य की नीच स्थिति के कारण इन राशियों के जातकों को मानसिक तनाव, आत्मविश्वास की कमी या वरिष्ठ अधिकारियों से मतभेद जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में सलाह दी जाती है कि सूर्य देव को जल अर्पित करें और ‘आदित्य हृदय स्तोत्र’ का पाठ करें।

सूर्य देव की उपासना और उपाय

तुला संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर सूर्य देव को तांबे के पात्र में जल, लाल फूल और गुड़ मिलाकर अर्घ्य दें। इससे ग्रहदोष कम होते हैं और आत्मबल बढ़ता है। रविवार के दिन उपवास या सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करने से सूर्य देव प्रसन्न होकर जीवन में सफलता और समृद्धि का वरदान देते हैं।

सूर्य के गोचर से खुलेंगे नए अवसर

तुला संक्रांति का यह काल परिवर्तन और आत्ममंथन का समय है। सूर्य देव का राशि परिवर्तन न केवल ग्रहों की ऊर्जा को प्रभावित करता है, बल्कि मानव जीवन में भी नए अध्याय की शुरुआत का संकेत देता है। इस गोचर में सतर्कता और श्रद्धा से किए गए उपाय जीवन में सकारात्मक परिणाम ला सकते हैं।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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