फिर ठप हुआ UPI पेमेंट सिस्टम: 12 अप्रैल को Paytm, PhonePe जैसे ऐप्स में आई तकनीकी परेशानी, यूजर्स ने जताई नाराज़गी

फिर ठप हुआ UPI पेमेंट सिस्टम: 12 अप्रैल को Paytm, PhonePe जैसे ऐप्स में आई तकनीकी परेशानी, यूजर्स ने जताई नाराज़गी
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डिजिटल युग में जहां UPI (Unified Payments Interface) लोगों की जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, वहीं आए दिन इसमें आ रही तकनीकी दिक्कतें यूजर्स को भारी परेशानी में डाल रही हैं। शनिवार, 12 अप्रैल 2025 को एक बार फिर लाखों यूजर्स को Paytm, PhonePe और अन्य डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करने में बाधा आई। सोशल मीडिया पर दिनभर इस समस्या को लेकर नाराज़गी और शिकायतें देखने को मिलीं।

डिजिटल भुगतान पर बढ़ती निर्भरता, लेकिन तकनीकी असफलता ने तोड़ी उम्मीदें

आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में ज़्यादातर लोग कैश का उपयोग करना लगभग बंद कर चुके हैं। किराने की दुकान हो या कैब की पेमेंट, हर जगह अब UPI पेमेंट ही पहली पसंद बन चुकी है। लेकिन बीते कुछ सप्ताहों से लगातार यह देखने में आ रहा है कि डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स जैसे Paytm और PhonePe पर ट्रांजेक्शन फेल हो रहे हैं या प्रोसेसिंग में काफी समय लग रहा है। इससे न केवल व्यापारियों को नुकसान हो रहा है, बल्कि आम उपभोक्ता भी असुविधा का शिकार हो रहे हैं।

UPI सिस्टम में बार-बार आ रही गड़बड़ियां बना रहीं चिंता का विषय

पिछले कुछ हफ्तों में यह तीसरी या चौथी बार है जब UPI सर्वर संबंधित समस्याएं सामने आई हैं। न तो पेमेंट तुरंत जा रही है और न ही कन्फर्मेशन मिल रही है। कई बार तो राशि कटने के बाद भी रिसीवर को ट्रांजेक्शन नहीं मिल रही, जिससे यूजर्स की चिंता और गुस्सा दोनों बढ़ते जा रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर “#PaytmDown” और “#PhonePeNotWorking” जैसे ट्रेंड भी चल रहे हैं।

यूजर्स की शिकायतों पर कंपनियों की चुप्पी

जब यूजर्स ने Paytm और PhonePe को टैग करते हुए लगातार शिकायतें कीं, तो कुछ प्लेटफॉर्म्स ने तकनीकी टीम की जांच की बात कही, लेकिन समस्या की स्पष्ट वजह या समाधान को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई। इससे यूजर्स की नाराज़गी और बढ़ गई है। कई लोगों ने इसे डिजिटल पेमेंट सिस्टम पर से भरोसा उठने जैसा करार दिया।

डिजिटल इंडिया की सोच तभी पूरी हो सकती है जब UPI पेमेंट सिस्टम स्थिर और विश्वसनीय हो। बार-बार आने वाली तकनीकी खामियों ने इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार और संबंधित कंपनियों को चाहिए कि वे इस दिशा में गंभीरता से काम करें और यूजर्स को निर्बाध सेवा प्रदान करें, जिससे भविष्य में ऐसी असुविधा से बचा जा सके। अन्यथा डिजिटल लेनदेन का भरोसा टूट सकता है।

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