वैशाख दुर्गा अष्टमी 5 मई को मनाई जाएगी मां दुर्गा की उपासना, जानिए तिथि, महत्व और पूजा विधि

सनातन धर्म में प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है, जिसे मासिक दुर्गाष्टमी भी कहा जाता है। यह दिन मां दुर्गा को समर्पित होता है, जिन्हें जगत जननी, शक्ति स्वरूपा और त्रिदेवों की जननी के रूप में पूजा जाता है। देवी पुराण और मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, मां दुर्गा की उपासना से व्यक्ति को भय, संकट और रोगों से मुक्ति मिलती है और जीवन में शक्ति, साहस और समृद्धि की वृद्धि होती है।
वैशाख माह की दुर्गा अष्टमी विशेष रूप से शुभ मानी जाती है क्योंकि यह वसंत ऋतु में आने वाली शक्ति उपासना की तिथि है। इस दिन श्रद्धालु उपवास रखकर मां दुर्गा की पूजा करते हैं और कन्या पूजन का आयोजन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
कब है वैशाख दुर्गाष्टमी 2025? जानिए तिथि और मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल अष्टमी तिथि की शुरुआत 4 मई 2025 को प्रातः 7:18 बजे से होगी और यह तिथि 5 मई 2025 को सुबह 7:35 बजे तक रहेगी।
उदयातिथि की गणना के आधार पर, 5 मई, सोमवार को दुर्गा अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन भक्तजन व्रत रखकर मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों का पूजन करते हैं और देवी के नौ रूपों का स्मरण करते हुए शक्ति आराधना करते हैं।
पूजा विधि और व्रत नियम
दुर्गा अष्टमी के दिन व्रती को सुबह जल्दी उठकर स्नान कर पवित्रता के साथ देवी पूजा का संकल्प लेना चाहिए। घर के पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध कर, मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें। लाल पुष्प, चंदन, अक्षत, नारियल, फल, और दीप-धूप के साथ विधिपूर्वक पूजन करें।
देवी कवच, अर्गला स्तोत्र, और दुर्गा सप्तशती का पाठ इस दिन विशेष फलदायक माना जाता है। कई स्थानों पर इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है, जिसमें नौ कन्याओं को भोजन कराकर उनका पूजन कर मां दुर्गा का आशीर्वाद लिया जाता है।
माना जाता है कि जो भक्त श्रद्धा और नियमपूर्वक इस दिन देवी आराधना करता है, उसे मानसिक शांति, स्वास्थ्य, और जीवन में विजय की प्राप्ति होती है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।