वाराणसी में ठंड बढ़ी, 12वीं तक के स्कूलों का समय बदला
शीतलहर, गिरते तापमान और कोहरे के बीच जिला प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूलों के समय में बदलाव का फैसला किया है।

वाराणसी में ठंड अब सिर्फ सुबह और रात तक सीमित नहीं रही है। दिन चढ़ने के बाद भी सर्द हवाओं का असर साफ महसूस किया जा रहा है। बदलते मौसम को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्कूली बच्चों को राहत देने का फैसला लिया है। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के निर्देश पर 12वीं तक के सभी स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है, जो 19 दिसंबर से लागू होगा।
स्कूलों का बदला समय
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के अनुसार अब सभी स्कूल सुबह 10 बजे खुलेंगे और अपराह्न तीन बजे तक कक्षाएं संचालित होंगी। प्रशासन का कहना है कि शीतलहर और घने कोहरे के बीच बच्चों को सुबह की कड़ाके की ठंड से बचाने के लिए यह निर्णय जरूरी था।
तीन दिनों में बदला मौसम का मिजाज
पिछले तीन दिनों से मौसम में अचानक बदलाव दर्ज किया गया है। दिन में नम हवाओं के कारण धूप कमजोर पड़ गई है और पछुआ हवाओं ने ठंड को और बढ़ा दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक बीते 24 घंटों में अधिकतम तापमान करीब तीन डिग्री सेल्सियस गिरा है, जिससे सर्दी का असर और गहरा हुआ है।
आगे भी घने कोहरे की संभावना
बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर मनोज श्रीवास्तव के अनुसार आने वाले तीन दिनों तक घने कोहरे की स्थिति बनी रह सकती है। उनका कहना है कि तापमान में उतार चढ़ाव देखने को मिलेगा और पछुआ हवाओं के चलते ठंड और बढ़ सकती है।
दिसंबर में बदली तस्वीर
दिसंबर की शुरुआत में मौसम कुछ और ही था। पहले सप्ताह में दिन में अच्छी धूप निकल रही थी और तापमान 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ था। दूसरे सप्ताह में मौसम ने तेजी से करवट ली और अब शाम होते ही कोहरा छाने लगा है, जबकि रात में ठंड ज्यादा महसूस की जा रही है।
ग्रामीण इलाकों में ज्यादा असर
ग्रामीण क्षेत्रों में कोहरे का असर शहर की तुलना में अधिक देखा जा रहा है। कछवा रोड, बाबतपुर, आराजीलाइन, चिरईगांव और चौबेपुर जैसे इलाकों में दृश्यता कम होने से वाहन चालकों को सावधानी बरतनी पड़ रही है। कई स्थानों पर दोपहिया और चारपहिया वाहन धीमी गति से चलते नजर आए।
येलो अलर्ट और राहत का फैसला
मौसम विभाग ने कोहरे को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में ठंड का असर और बढ़ सकता है। ऐसे में स्कूलों के समय में किया गया बदलाव फिलहाल बच्चों और अभिभावकों दोनों के लिए राहत भरा फैसला माना जा रहा है।

