आज गुरुवार को वरुथिनी एकादशी का पावन व्रत: जानें पूजा का श्रेष्ठ समय, सूर्योदय-सूर्यास्त और व्रत विधि

हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष यह पावन व्रत आज 24 अप्रैल 2025, गुरुवार के दिन रखा जा रहा है। गुरुवार का दिन स्वयं भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है, और इसी दिन वरुथिनी एकादशी का आना इसे अत्यंत पुण्यदायक बना देता है।
इस विशेष दिन पर श्रद्धालु पूरे श्रद्धा-भक्ति से उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही, माता लक्ष्मी की आराधना भी इस दिन विशेष फलदायक मानी जाती है। वरुथिनी एकादशी पर व्रत रखने से जीवन के कष्टों से मुक्ति, पापों का क्षय और मोक्ष की प्राप्ति संभव मानी गई है।
पंचांग के अनुसार, वरुथिनी एकादशी की तिथि 23 अप्रैल को रात्रि 11:26 बजे से प्रारंभ होकर 24 अप्रैल की रात्रि 01:40 बजे तक रहेगी। हालांकि व्रत और पूजा 24 अप्रैल, गुरुवार को ही की जाएगी। पूजा के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त प्रातःकाल का समय माना गया है। इस दिन सूर्योदय लगभग 05:45 बजे होगा और सूर्यास्त का समय लगभग 06:40 बजे के आसपास रहेगा। इसी अवधि में पूजा करना विशेष शुभ होता है।
व्रत के नियमों के अनुसार व्रती को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लेना चाहिए। पूजा में पीले वस्त्र पहनें और भगवान को पीले फूल, तुलसी दल, पंचामृत और पीले फल अर्पित करें। दिनभर उपवास रखें और शाम को विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। रात्रि में जागरण और विष्णु भजन करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है।
गुरुवार के दिन वरुथिनी एकादशी का संयोग बनना अत्यंत दुर्लभ और शुभ माना जाता है। यह न केवल आध्यात्मिक लाभ देने वाला है, बल्कि मानसिक शांति, पारिवारिक सुख और आर्थिक समृद्धि का भी मार्ग प्रशस्त करता है। इस दिन ब्राह्मणों को दान, जरूरतमंदों की सहायता और गौसेवा विशेष पुण्यकारी मानी गई है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वरुथिनी एकादशी पर किया गया व्रत और पूजन संपूर्ण जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला होता है। इसलिए इस दिन को केवल एक व्रत नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और दिव्यता की ओर एक कदम के रूप में देखा जाना चाहिए।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।