क्यों नहीं रखनी चाहिए बंद घड़ी घर में? वास्तु शास्त्र की नज़र से जानें इसके गहरे प्रभाव

क्यों नहीं रखनी चाहिए बंद घड़ी घर में? वास्तु शास्त्र की नज़र से जानें इसके गहरे प्रभाव
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भारतीय वास्तु शास्त्र में हर वस्तु का विशेष महत्व बताया गया है। चाहे वह घर की दिशा हो, प्रवेश द्वार पर रखा सामान हो या दीवार पर टंगी एक साधारण सी घड़ी — हर चीज़ घर के माहौल और उसमें रहने वालों के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है। इसी संदर्भ में, अक्सर एक प्रश्न उठता है कि क्या बंद पड़ी घड़ी को घर में रखना उचित है? इसका उत्तर वास्तु के दृष्टिकोण से स्पष्ट रूप से ‘नहीं’ है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, बंद घड़ी घर में रुकी हुई ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है। यह न केवल समय के ठहराव को दर्शाती है, बल्कि जीवन में विकास, प्रगति और नए अवसरों के मार्ग को भी अवरुद्ध कर सकती है। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर बंद घड़ी क्यों नुकसानदेह मानी जाती है, इसके पीछे का तात्त्विक कारण क्या है, और इससे कैसे बचा जा सकता है।

बंद घड़ी: नकारात्मक ऊर्जा का संकेतक

घर की दीवार पर टंगी या किसी टेबल पर रखी बंद घड़ी, एक प्रतीक बन जाती है रुकावट, असफलता और थमी हुई ज़िंदगी का। वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि जिस घर में लंबे समय तक बंद घड़ियाँ पड़ी रहती हैं, वहां:

* सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रुकने लगता है

* परिवार के सदस्यों की तरक्की में अड़चनें आने लगती हैं

* बार-बार बीमारियाँ, तनाव और अवसाद का माहौल बनता है

* आर्थिक स्थिति में ठहराव या हानि की स्थिति उत्पन्न होती है

क्या कहता है समय और मनोविज्ञान?

समय चलायमान है, और घड़ी उसका सजीव प्रतीक है। जब वह चलती रहती है, तो यह दर्शाता है कि जीवन आगे बढ़ रहा है। लेकिन जब वह रुक जाती है, तो वह एक मनोवैज्ञानिक रुकावट बन जाती है। यह व्यक्ति के मन में अवचेतन रूप से यह भावना भर सकती है कि जैसे जीवन ठहर गया हो। यह मानसिक स्थिति धीरे-धीरे पूरे घर के वातावरण को प्रभावित करती है।

क्या करें अगर घर में बंद घड़ी पड़ी हो?

1. तुरंत उसे ठीक करवाएं या हटा दें: अगर घड़ी प्रिय है और उसे रखना चाहते हैं, तो तुरंत उसकी मरम्मत करवा लें।

2. दक्षिण दिशा में न लगाएं: वास्तु के अनुसार घड़ी को दक्षिण दीवार पर नहीं लगाना चाहिए। यह दिशा मृत्यु व रुकावटों की मानी जाती है।

3. पूर्व या उत्तर दिशा श्रेष्ठ: घड़ी लगाने के लिए पूर्व या उत्तर दिशा का चयन करें। यह दिशा तरक्की और स्वास्थ्य से जुड़ी होती है।

4. टूटी या दरार वाली घड़ी बिल्कुल न रखें: सिर्फ बंद ही नहीं, टूटी या दरार वाली घड़ियाँ भी नकारात्मकता का संकेत होती हैं।

कैसे रखें घड़ी वास्तु के अनुसार?

साफ-सुथरी और समय पर चलने वाली घड़ी का प्रयोग करें।

घड़ी में सकारात्मक चित्र या शुभ चिन्ह हो तो और बेहतर।

बेडरूम में घड़ी सिर के ठीक ऊपर लगाने से बचें।

घड़ी की बैटरी समय पर बदलते रहें।

घर का समय रुकने न दें, जीवन की गति बनाए रखें

घड़ी केवल समय दिखाने वाला यंत्र नहीं, बल्कि आपके जीवन की गति और दिशा का प्रतीक है। अगर वह रुक जाए तो न केवल समय रुकता है, बल्कि आपकी आर्थिक, मानसिक और पारिवारिक ऊर्जा भी प्रभावित हो सकती है। ऐसे में ज़रूरी है कि आप अपने घर का वास्तु संतुलन बनाए रखें और ऐसी चीज़ों को तुरंत सुधारें जो सकारात्मकता में बाधा बनती हैं। वास्तु के अनुरूप चलकर आप जीवन को नए आयाम दे सकते हैं।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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