घर का मुख्य द्वार किस दिशा में होना चाहिए? जानें वास्तु शास्त्र की दृष्टि से शुभ दिशा और प्रभाव

घर का मुख्य द्वार सिर्फ एक प्रवेशद्वार नहीं होता, बल्कि यह पूरे घर में ऊर्जा के प्रवाह का मार्ग भी तय करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का दरवाजा किस दिशा में है, यह बात आपके जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और मानसिक शांति को सीधे प्रभावित करती है। सही दिशा में मुख्य द्वार होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है, जबकि गलत दिशा वाले दरवाजे से नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ सकता है।
वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो दिशाओं और ऊर्जा प्रवाह के संतुलन पर आधारित होता है। यह केवल भवन निर्माण की तकनीकी विधि नहीं, बल्कि जीवन को संतुलित और सकारात्मक बनाए रखने का आध्यात्मिक विज्ञान है। मुख्य द्वार की दिशा इसमें सबसे अहम मानी जाती है, क्योंकि यहीं से ऊर्जा सबसे पहले घर में प्रवेश करती है।
किस दिशा में होना चाहिए मुख्य द्वार?
उत्तर दिशा (North):
यह दिशा धन, करियर और व्यापार में उन्नति के लिए शुभ मानी जाती है। कुबेर की दिशा मानी जाने वाली उत्तर दिशा में मुख्य द्वार होने से आर्थिक समृद्धि बढ़ती है और घर में स्थिरता आती है।
पूर्व दिशा (East):
सूर्य की ऊर्जा से युक्त यह दिशा जीवन में नई शुरुआत, स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए अनुकूल होती है। पूर्वमुखी प्रवेश द्वार से घर में सकारात्मक विचार, आत्मविश्वास और नई संभावनाएं आती हैं।
उत्तर-पूर्व (ईशान कोण):
यह सर्वोत्तम दिशा मानी जाती है, जहां से आध्यात्मिक ऊर्जा प्रवाहित होती है। इस दिशा में मुख्य द्वार होने से परिवार में धार्मिकता, शांति और दिव्यता का वास रहता है।
दक्षिण दिशा (South):
वास्तु शास्त्र में इसे नकारात्मक ऊर्जा वाली दिशा माना गया है। यदि इस दिशा में द्वार बनाना आवश्यक हो, तो विशेषज्ञ से परामर्श लेकर विशेष वास्तु उपाय अवश्य करें।
पश्चिम दिशा (West):
यह दिशा सामान्यतः निष्क्रिय मानी जाती है, लेकिन यदि अनिवार्य हो तो द्वार को शुभ बनाने के लिए वास्तु संहिता के अनुसार रंग, चिन्ह या यंत्रों का प्रयोग किया जा सकता है।
गलत दिशा में द्वार होने से क्या हो सकता है प्रभाव?
गलत दिशा में मुख्य द्वार होने से घर में कलह, आर्थिक परेशानी, असंतुलन, बीमारियाँ और मानसिक तनाव बढ़ने की संभावना रहती है। इसलिए गृह निर्माण से पूर्व वास्तु सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है। यदि घर पहले से बना हुआ है, तो वास्तु दोष निवारण के उपायों से स्थिति को सुधारा जा सकता है।
मुख्य द्वार से जुड़ी अन्य वास्तु टिप्स
1. दरवाजे के सामने कोई खंभा या पेड़ न हो।
2. मुख्य द्वार साफ, सुसज्जित और हल्का होना चाहिए।
3. दरवाजे पर शुभ चिन्ह जैसे "ॐ", "स्वस्तिक" या "शुभ-लाभ" का प्रयोग करें।
4. मुख्य द्वार पर तुलसी का पौधा, दीपक या नामपट्टिका लगाना शुभ माना जाता है।
वास्तु शास्त्र केवल दिशाओं का विज्ञान नहीं, बल्कि आपके जीवन को ऊर्जा, आनंद और सफलता से भरने का माध्यम है। सही दिशा में बना मुख्य द्वार न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन और उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।