विद्युत नियामक आयोग ने किया स्पष्ट: उपभोक्ता चुन सकते हैं अपनी मर्ज़ी से पोस्टपेड या प्रीपेड स्मार्ट मीटर
Electricity Commission Clarifies: Consumers Can Choose Prepaid or Postpaid Smart Meters

लखनऊ। विद्युत नियामक आयोग ने अपने ताजा टैरिफ आदेश में स्पष्ट किया है कि उपभोक्ताओं के पास पोस्टपेड और प्रीपेड मीटर चुनने का विकल्प हमेशा मौजूद है। आयोग ने कहा कि भले ही आरडीएसएस योजना के तहत नए कनेक्शन स्मार्ट/प्रीपेड मीटर से दिए जाएं, लेकिन विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47(5) उपभोक्ताओं को स्वतंत्रता देती है।
दो दिन पहले जारी बिजली टैरिफ आदेश में आयोग ने यह भी बताया कि विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) नियम 2020 और आरडीएसएस योजना केवल नए कनेक्शन के लिए स्मार्ट मीटर अनिवार्य करती हैं।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आयोग के फैसले पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि पॉवर कॉर्पोरेशन उपभोक्ताओं की सहमति के बिना स्मार्ट मीटर को प्रीपेड मोड में बदलने का कोई अधिकार नहीं रखता। वर्मा ने जोर देकर कहा कि देश का कानून सर्वोच्च है और उपभोक्ताओं को उनकी पसंद के अनुसार मीटर चुनने का विकल्प अवश्य दिया जाना चाहिए।
धारा 47(5) की भाषा स्मार्ट प्रीपेड मीटर को अनिवार्य नहीं बनाती। कई राज्यों में उच्च न्यायालयों में याचिकाएं लंबित हैं, इसलिए आयोग कानूनी स्थिति पर टिप्पणी से परहेज कर रहा है। आयोग ने स्पष्ट किया कि उपभोक्ता अधिकार सर्वोच्च हैं और बिना सहमति मीटर बदलना गलत होगा।
उपभोक्ताओं के पास अब स्पष्ट अधिकार है कि वे अपने घर के लिए पोस्टपेड या प्रीपेड स्मार्ट मीटर चुन सकते हैं। यह फैसला उपभोक्ताओं को अपनी पसंद और सुविधा के अनुसार बिजली खपत नियंत्रित करने का अधिकार देता है।
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