विनायक चतुर्थी 2025: 1 मई को करें गणपति पूजन, दूर होंगे सभी विघ्न, करियर-व्यवसाय में मिलेगी सफलता

हिंदू धर्म में गणपति बप्पा को विघ्नहर्ता और शुभता का प्रतीक माना गया है। वे न केवल ज्ञान और बुद्धि के देवता हैं, बल्कि किसी भी कार्य की सफलता का पहला द्वार भी गणेश पूजन से ही खुलता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष विनायक चतुर्थी का पावन पर्व 1 मई 2025, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा। यह तिथि हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को आती है और भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए विशेष मानी जाती है।
विनायक चतुर्थी के दिन विशेष रूप से उन साधकों और श्रद्धालुओं के लिए यह व्रत वरदान साबित हो सकता है जो अपने जीवन में करियर, व्यवसाय या पढ़ाई में रुकावटों का सामना कर रहे हैं। इस दिन विधिवत रूप से गणपति पूजन, व्रत और मंत्र जाप करने से सारे विघ्न दूर होते हैं और जीवन में शुभता का प्रवेश होता है।
गणेश जी को मोदक, दूर्वा, सिंदूर और लाल फूल प्रिय होते हैं। इसलिए इस दिन इन सामग्रियों के साथ उनकी पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। सुबह स्नान कर साफ वस्त्र पहनकर घर के मंदिर या पूजास्थल में भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीप जलाकर पूजन आरंभ किया जाता है। गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ और “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप विशेष फलदायी माना गया है।
ज्योतिषीय दृष्टि से भी यह व्रत अत्यंत फलदायक है। जिन लोगों की कुंडली में बार-बार रुकावटें आ रही हों, या जो नई नौकरी, प्रमोशन या व्यापार में स्थिरता चाहते हैं, उनके लिए यह चतुर्थी व्रत अत्यंत शुभ फलदायक हो सकता है। साथ ही यह दिन मानसिक तनाव, पारिवारिक कलह या आर्थिक संकटों से भी निजात दिला सकता है।
व्रत रखने वाले व्यक्ति को चतुर्थी तिथि के दिन फलाहार करना चाहिए और संभव हो तो संध्याकालीन समय में गणेश पूजन के बाद ही अन्न ग्रहण करें। इस दिन किया गया संकल्प और श्रद्धा से किया गया पूजन लंबे समय तक जीवन में सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है।
विनायक चतुर्थी न केवल आस्था का पर्व है, बल्कि यह हमारे भीतर अनुशासन, संकल्प और विश्वास को भी जाग्रत करता है। इसलिए इस विशेष दिन पर पूरी श्रद्धा और भक्ति से भगवान गणेश की आराधना करें और अपने जीवन में आने वाले समस्त विघ्नों से मुक्ति पाएं।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।