विश्वकर्मा पूजा 2025 : 17 सितंबर को आश्विन कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर होगी भगवान विश्वकर्मा की आराधना

विश्वकर्मा पूजा 2025 : 17 सितंबर को आश्विन कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर होगी भगवान विश्वकर्मा की आराधना
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विश्वकर्मा पूजा 2025 की तिथि और समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 17 सितंबर 2025 को पड़ रही है। तिथि की शुरुआत 17 सितंबर की देर रात 12 बजकर 21 मिनट से होगी और इसका समापन उसी दिन रात 11 बजकर 39 मिनट पर होगा। पंचांग की गणना के अनुसार इस बार विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को ही मनाई जाएगी।


भगवान विश्वकर्मा की पूजा का महत्व

हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के प्रथम शिल्पकार और वास्तु देवता माना जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने देवताओं के महलों, दिव्य अस्त्र-शस्त्रों और कई नगरों का निर्माण किया था। इसलिए इस दिन विशेष रूप से कारीगर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट और औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोग भगवान विश्वकर्मा की आराधना करते हैं। मान्यता है कि विश्वकर्मा पूजा करने से कार्यक्षेत्र में उन्नति होती है और जीवन में समृद्धि का मार्ग खुलता है।


विश्वकर्मा पूजा की परंपरा

इस दिन फैक्ट्री, उद्योग, वर्कशॉप और कार्यालयों में विशेष सजावट की जाती है। मशीनों, औजारों और उपकरणों की विधिवत पूजा करके कार्य की शुभ शुरुआत की जाती है। लोग अपने-अपने क्षेत्र में कार्यरत उपकरणों को साफ करके भगवान विश्वकर्मा को अर्पित करते हैं और सुरक्षा तथा सफलता की कामना करते हैं।

धार्मिक मान्यता और आस्था

विश्वकर्मा पूजा केवल कर्म और श्रम की महत्ता को नहीं दर्शाती, बल्कि यह परिश्रम और रचनात्मकता का पर्व भी है। इस अवसर पर लोग यह संकल्प लेते हैं कि वे अपने कार्य में ईमानदारी और लगन बनाए रखेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन पूजा करने से पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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