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दो दिवसीय भारत दौरे पर आज दिल्ली पहुंचेंगे व्लादिमीर पुतिन, 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन से पहले राजधानी में हाई अलर्ट

शाम 4.30 बजे नई दिल्ली आगमन, शीतकालीन सत्र के बीच सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी निगरानी

दो दिवसीय भारत दौरे पर आज दिल्ली पहुंचेंगे व्लादिमीर पुतिन, 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन से पहले राजधानी में हाई अलर्ट
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज दो दिनों के आधिकारिक दौरे पर भारत पहुंच रहे हैं, जिसे लेकर राजधानी नई दिल्ली में सुरक्षा के अभूतपूर्व बंदोबस्त किए गए हैं। उनके आगमन से पहले पूरी दिल्ली में हाई अलर्ट घोषित किया गया है, और सुरक्षा एजेंसियां तरक्कीवादी और खुफिया हर गतिविधि पर बारीकी से नज़र रख रही हैं। यह दौरा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

पुतिन आज शाम करीब 4.30 बजे दिल्ली पहुंचेंगे, जहां उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा। उनकी भारत यात्रा 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए है, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देने का मंच माना जाता है। इस बार का सम्मेलन रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, तकनीक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर केंद्रित रहने की उम्मीद है। भारत और रूस दशकों से एक-दूसरे के महत्वपूर्ण वैश्विक साझेदार रहे हैं और यह बैठक मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के बीच काफी अहम मानी जा रही है।

इस बीच संसद का शीतकालीन सत्र भी जारी है और आज सत्र का चौथा दिन है। पुतिन के दौरे के चलते संसद भवन और केंद्रीय सचिवालय के आसपास सुरक्षा का दायरा और बढ़ा दिया गया है। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है, जबकि खुफिया विभाग लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। महत्वपूर्ण मार्गों पर यातायात में भी अस्थायी बदलाव किए गए हैं ताकि किसी भी वीवीआईपी मूवमेंट में बाधा न आए।

दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर प्रधानमंत्री आवास और राजनयिक बैठकों के संभावित स्थलों तक, पूरे मार्ग पर सुरक्षा बलों की कई परतें तैनात की गई हैं। यह व्यवस्था इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पुतिन की यह यात्रा वैश्विक राजनीतिक तनावों के बीच हो रही है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों ने अतिरिक्त सतर्कता अपनाई है। ड्रोन और अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है।

पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच होने वाली मुलाकात से कई बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद जताई जा रही है। जानकारों का मानना है कि रक्षा सहयोग, परमाणु ऊर्जा, स्पेस तकनीक, निवेश परियोजनाएं और काउंटर-टेररिज़्म जैसे मुद्दे वार्ता का केंद्र बनेंगे। इसके अलावा दोनों नेता वैश्विक परिस्थितियों पर भी विचार-विमर्श कर सकते हैं, खास तौर पर एशियाई भू-राजनीति से जुड़े विषयों पर।

पुतिन के भारत दौरे को लेकर जनता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों की निगाहें इस सम्मेलन पर टिकी हैं, क्योंकि यह बैठक आने वाले वर्षों में भारत-रूस रिश्तों की दिशा तय कर सकती है।

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