व्याघात योग में भारतीय सेना का निर्णायक प्रहार, जब ग्रहों ने दिया आतंक पर आक्रमण का संकेत

व्याघात योग में भारतीय सेना का निर्णायक प्रहार, जब ग्रहों ने दिया आतंक पर आक्रमण का संकेत
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भारतीय सेना की सामरिक रणनीतियों में जहां आधुनिक तकनीक और खुफिया सूचनाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, वहीं कुछ मौकों पर ग्रहों की चाल और ज्योतिषीय गणनाएं भी खास मायने रखती हैं। ऐसा ही एक समय था जब भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के ठिकानों पर सफलतापूर्वक हमला किया और उस दौरान ग्रहों की स्थिति व्याघात योग निर्मित कर रही थी। यह जानकारी कुमार भास्करवर्मा संस्कृत एवं पुरातनाध्ययन विश्वविद्यालय, नलबारी, असम के सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश प्रसाद मिश्र ने दी है।

व्याघात योग: शत्रु पर प्रहार का श्रेष्ठ समय

ज्योतिषशास्त्र में व्याघात योग को शत्रु पर आक्रमण या किसी भी प्रकार की निर्णायक कार्रवाई के लिए सबसे उपयुक्त समय माना गया है। इस योग में किए गए निर्णय आक्रामक होते हैं, लेकिन पूर्ण रूप से सफल और प्रभावी सिद्ध होते हैं। व्याघात शब्द का अर्थ ही होता है – “घात करना” या “विरोधी को परास्त करना।” इस काल में किया गया प्रहार न केवल लक्ष्य को भेदता है, बल्कि प्रतिद्वंदी को स्थायी क्षति भी पहुंचाता है।

हमला और ज्योतिषीय संयोग: कब बना व्याघात योग?

डॉ. मिश्र के अनुसार, जिस समय भारतीय सेना ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, उस समय चंद्रमा और शुक्र की विशिष्ट स्थिति के साथ ग्रहों की युति ने व्याघात योग का निर्माण किया था। इस योग में किया गया कोई भी सैन्य अभियान या ऑपरेशन पूर्व नियोजित होता है और उसमें विजय की प्रबल संभावना रहती है। खासकर यदि यह योग चंद्रमा के किसी उग्र नक्षत्र में बन रहा हो, तो उसकी शक्ति और भी बढ़ जाती है।

ज्योतिष और सैन्य रणनीति: अतीत में भी हैं प्रमाण

यह पहली बार नहीं है जब ज्योतिषीय संयोगों का युद्ध या आक्रमण से संबंध देखा गया हो। प्राचीन भारतीय ग्रंथों में भी यह उल्लेख मिलता है कि महाभारत, रामायण और कई ऐतिहासिक युद्धों में नक्षत्रों, ग्रहों और योगों के आधार पर रणनीतियाँ तय की जाती थीं। डॉ. मिश्र का मानना है कि “आधुनिक विज्ञान के युग में भी यदि हम वैदिक गणनाओं को सही समय पर समझें, तो वह हमारी रणनीतिक योजना में अद्वितीय दिशा दे सकती है।”

क्या है व्याघात योग का सामाजिक और सामरिक महत्व?

सिर्फ सैन्य दृष्टि से ही नहीं, व्याघात योग जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी निर्णायक भूमिका निभा सकता है। कोर्ट केस, प्रतिस्पर्धा, वैचारिक टकराव या किसी भी शत्रुतापूर्ण स्थिति में यह योग व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और उसे निर्णायक परिणाम की ओर ले जाता है। यही कारण है कि इस योग में लिए गए निर्णय अक्सर निर्णायक और प्रभावशाली साबित होते हैं।

भारतीय सेना का पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर किया गया यह सफल प्रहार केवल सैन्य शक्ति का ही परिणाम नहीं था, बल्कि आकाशीय ग्रहों की चाल ने भी इसका स्पष्ट समर्थन किया। व्याघात योग में की गई यह कार्रवाई एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि भारतीय परंपरा और विज्ञान का गहरा समन्वय आज भी सामरिक फैसलों में अप्रत्यक्ष रूप से योगदान दे सकता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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