कुत्तों में भेड़िये का DNA! क्या आपके पालतू में भी छिपा है पुराना शिकारी?
अमेरिकी शोध में खुलासा: अधिकांश आधुनिक और ग्रामीण इलाके के कुत्तों में भेड़िये की विरासत, जो उनके आकार, सूंघने की क्षमता और व्यवहार को प्रभावित करती है।

क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि आपका कुत्ता कुछ ज्यादा सतर्क, चौकस या अकेलेपन में डरपोक हो जाता है? इसका कारण सिर्फ मूड नहीं हो सकता, बल्कि उसके जीन में भेड़िये का DNA भी शामिल हो सकता है। अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में स्थित प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय और स्मिथसोनियन नेशनल म्यूज़ियम (American Museum of Natural History and the Smithsonian’s National Museum of Natural History) के शोधकर्ताओं ने हाल ही में पाया कि आधुनिक नस्लों के अधिकांश कुत्तों और खुले में रहने वाले ग्रामीण कुत्तों में भेड़िये की विरासत मौजूद है।
शोध के मुताबिक, यह विरासत कुत्तों के शरीर के आकार, सूंघने की क्षमता और व्यवहार को प्रभावित करती है। जिन कुत्तों में भेड़िये का ज्यादा DNA है, वे अजनबियों के प्रति सतर्क, चौकस और अपनी जगह के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं। वहीं जिन कुत्तों में यह विरासत कम है, वे अधिक दोस्ताना, प्रशिक्षित करने में आसान और मिलनसार पाए जाते हैं।
शोध टीम ने 2,693 कुत्तों और भेड़ियों के जीनोम का विश्लेषण किया। इसके नतीजों में सामने आया कि 64 प्रतिशत आधुनिक नस्लों के कुत्तों और सभी 280 ग्रामीण कुत्तों में भेड़िये की विरासत है। ग्रामीण कुत्तों के नमूने 20 से अधिक देशों से लिए गए, जिनमें भारत के छह कुत्ते भी शामिल थे।
कौन-कौन से कुत्तों में भेड़िये का DNA ज्यादा:
- स्लेज डॉग्स और बड़े शिकार कुत्तों में सबसे ज्यादा भेड़िये का DNA पाया गया।
- टेरियर्स, गन-डॉग्स और सेंट हाउंड्स में यह न्यूनतम है।
- चिहुआहुआ जैसे छोटे कुत्तों में भी 0.2 प्रतिशत DNA मौजूद है।
- Czechoslovakian और Saarloos wolfdogs में 23 से 40 प्रतिशत तक भेड़िये का DNA पाया गया, क्योंकि इन्हें जानबूझकर भेड़िये और कुत्ते को मिलाकर पाला गया।
भेड़िये का DNA और कुत्तों का व्यवहार:
शोध से यह भी पता चला कि भेड़िये की विरासत कुत्तों की विशेष क्षमताओं को प्रभावित करती है। ग्रामीण कुत्तों में यह DNA उनकी सूंघने की क्षमता को बेहतर बनाता है, जिससे वे आसानी से भोजन ढूंढ सकते हैं। तिब्बती मास्टिफ जैसे कुत्तों में यह जीन उन्हें ऊंचाई और कम ऑक्सीजन वाले वातावरण में जीवित रहने में मदद करता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, कुत्तों ने इंसानों के साथ रहने में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए भेड़िये के जीन का इस्तेमाल किया। यह उन्हें भोजन खोजने, झुंड की सुरक्षा करने और कठिन पर्यावरण में जीवित रहने में मदद करता है।
अध्ययन से यह भी संकेत मिलता है कि भेड़िये का DNA कुत्तों की खास आदतों, व्यवहार और व्यक्तित्व पर प्रभाव डाल सकता है, हालांकि इसे पूरी तरह प्रमाणित करने के लिए और शोध की जरूरत है।

