वैज्ञानिकों को यकीन मंगल पर थे एलियन, प्रमाण खोजेगी छोटी से लैब

ओवन जैसी लैब ढूंढेगी मंगल पर जीवन का सच
(पीटीआई) मंगल ग्रह पर किसी सभ्यता या एलियन लाइफ की संभावना भले ही आज नहीं है पर वैज्ञानिकों को लगता है कि ये ग्रह हमेशा से वीरान नहीं था और यहां जीवन था। इसी खोज के लिए अब पूरी दुनिया के अंतरिक्ष वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। इससे जुड़ी किसी भी निशानी की खोज के लिए वैज्ञानिकों ने ओवन या टोस्टर के आकार की एक छोटी सी प्रयोगशाला बनाई है, जो इस लाल ग्रह की सतह में छेद करके उसके भीतर मौजूद हर तरह के ऑग्रनिक कंपाउंड की जांच करेगी। इस जांच से पता चल सकेगा कि क्या सदियों पहले मंगल पर भी धरती की तरह जीवन था। एलियन लाइफ का पता लगाने वाले इस उपकरण का नाम है मार्स ऑग्रेनिक मालिक्यूल एनेलाइजर। यह छोटी सी लैब मंगल की सतह की बहुत ही गहन छानबीन करेगी।
3 सबसे बड़ी स्पेस एजेंसियों का संयुक्त प्रयास
अब तक तो दुनिया की सभी प्रमुख स्पेस एजेंसियां अपने स्तर पर अलग अलग काम और शोध करती रही हैं, लेकिन इस मामले में सबसे बड़ा परिर्वतन ये आया है कि इस छोटी सी लैब और उसे मंगल तक पहुंचानने वाले एक्सोरोवर को विकसित करने में विश्व की 3 सबसे बड़ी और प्रमुख स्पेस एजेंसिंयां एक साथ काम कर रही हैं। इनमें अमरीका की नासा के साथ यूरोप और रूस की स्पेस एजेंसियां शामिल हैं। नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के प्रोजेक्ट साइंटिस्ट विल ब्रिनक्रॉफ के अनुसार मंगल पर इस लैब को ले जाने वाले एक्सोमार्स रोवर में एक शक्तिशाली ड्रिल मशीन होगी, जिससे यह एमओएमए उपकरण को नमूने सोंपेगी, फिर उनसे मंगल पर सदियों पहले मौजूद रहे जीवन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकेंगी।
2020 में लॉन्च
इसी 16 मई को, एमओएमए मास स्पेक्ट्रोमीटर उपकरण को इटली में थाल्स एलनिया स्पेस सेंटर को पहुंचाया गया था, जहां डेटा एनालिसिस के लेवल पर इसकी टेस्टिंग और सुधार किया जाएगा। इस उपकरण को एक्सोमार्स रोवर के साथ जुलाई 2020 में स्पेस में भेजा जाएगा। एलियन लाइफ की खोज में धरती से जाने वाला यह सबसे महत्वपूर्ण अभियान कजाकिस्तान से लॉन्च किया जाएगा